Wednesday, 15 May 2024

भोपाल। एक फरवरी, मोदी सरकार का अंतरिम बजट या चुनावी बजट या फिर जनता का बजट। नाम कुछ भी हो, लेकिन शुक्रवार को यह देश का सबसे बड़ा इवेंट साबित हुआ। घोषणाएं होती रही तालियां बजती रही। हर किसी की निगाह सिर्फ टेलीविजन पर टिकी हुई थी।
बजट को लेकर हरिभूमि की टीम ने बरकतउल्ला में पढ़ने वाले और वॉयस हॉस्टल में रहने वाले युवाओं से बात की। उन्होंने कहा यह बजट पूरा भी है और अधूरा भी। जो उम्मीदें युवाओं ने लगाई थी, उन पर मोदी सरकार खरी नहीं उतर सकी।
बेरोजगारों के लिए कोई खास नहीं
छात्र आसिफ इकबाल का कहना है कि यह बजट बेरोजगारों के लिए कोई खास नहीं रहा। युवाओं ने इस बजट में रोजगार के विकल्प तलाशे थे, लेकिन हाथ कुछ नहीं आया है। युवाओं को उम्मीद थी कि सरकार युवाओं को रोजगार देने में कोई ठोस कदम उठाएगी।
रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवाने की दिशा में उठाने चाहिए कदम
छात्रा साक्षी मिश्रा का कहना है कि आज देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। केंद्र सरकार को युवाओं के लिए रोजगार के संसाधन उपलब्ध करवाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए थे। वहीं, युवतियों की बात करें तो नगदी निकासी के लिए छूट दी जानी चाहिए थी। क्योंकि, मौजूदा समय में बहुत सी महिलाएं ज्यादा शिक्षित नहीं है।
युवाओं को निराश किया
छात्र गौरव पटेल का कहना है कि मेरे पिता किसान है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में तो काम किया है, लेकिन युवाओं को निराश किया है। युवाओं ने सरकार से उम्मीद लगाई थी कि छात्रावास व्यवस्था दुरुस्त होगी। शिक्षा स्तर को सशक्त बनाया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

सिंगरौली। सिंगरौली में देर रात हुए एक दर्दनाक हादसे में ट्रक ड्राइवर जिंदा जल गया। हादसा उस वक्त हुआ, जब तेज रफ्तार से आ रहे दो ट्रक टकरा गए। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कुछ मिनटों में ट्रक धू-धूकर जल उठा। एक ट्रक के ड्राइवर को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला और वो जिंदा जल गया। रात का वक्त होने की वजह से वक्त पर मदद नहीं मिल सकी। तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हादसा कितना भयानक रहा हो। दोनों ट्रक पूरी तरह जलकर खाक हो चुके हैं। चालक का नाम संतोष कुमार साह है। अभी उनका पोस्टमार्टम जिला अस्पताल बैढन में किया जा रहा

इंदौर । लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किए जाने वाले वार्षिक कैलेंडर में इस बार इंदौर के कलाकार की रचनात्मकता नजर आ रही है। महात्मा गांधी के संदेशों, विचारों और कार्यों को आत्मसात करने के लिए इस बार उन्हीं पर आधारित कैलेंडर प्रकाशित किया गया है। 12 पन्नों वाले इस कैलेंडर को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ अलग रूप से लाने का सोचा था, जिसे शहर के युवा चित्रकार सारंग क्षीरसागर की कलाकृतियों से सजाया गया है।
इस कैलेंडर में न केवल गांधीजी के संदेशों को अंकित किया गया है, बल्कि चित्रकारी के जरिए उनकी उस विचारधारा को भी दर्शाने का प्रयास किया है, जो हर दौर की आवश्यकता और समसामयिकता है। गांधीजी की घड़ी, चश्मा, चरखा, छड़ी, चप्पल, नमक, तीन बंदर आदि के जरिए विचारों को जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
कलाकार सारंग बताते हैं हर पन्नों की डिजाइन में इस बात का ध्यान रखा गया कि कैलेंडर देखने वाले का ध्यान केवल गांधीजी पर ही केंद्रित होकर न रह जाए, बल्कि उनके उस संदेश को समझ सके, जिसे वे देना चाहते थे। इसलिए चरखे के बैकग्राउंड में लूम पर तिरंगा बुनते कारीगरों के साथ सभी मजहब के लोगों को लिया जोकि स्वावलंबन, एकता की बात कहता है। उनकी घड़ी का चित्र बनाकर बैकग्राउंड में बापू की प्रार्थना सभा बनाई गई है। उनका चश्मा बनाकर उसके रिफ्लेक्शन में तिरंगे को बताया गया, जो यह बात कहता है कि वे केवल देश की आजादी पर ही ध्यान दे रहे थे।
सारंग के अनुसार यह कैलेंडर डिजाइन करना इसलिए चुनौती भरा था क्योंकि इसमें केवल रेखांकन और रंग तक ही बात सीमित नहीं थी बल्कि विचारों को अप्रत्यक्ष रूप से मूर्त रूप में भी लाना था। 12 अलग-अलग विषयों को एक तानेबाने में रखते हुए ये कैलेंडर डिजाइन किया गया। कैलेंडर का विमोचन सुमित्रा महाजन ने किया

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल गौर के तेवर फिलहाल नरम नहीं पड़ रहे हैं। अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका वादा याद दिलाते हुए भोपाल से लोकसभा के टिकट के लिए दावेदारी की है।
गौर ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 25 सितंबर को कार्यकर्ता महाकुंभ में प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे कहा था, 'बाबूलाल गौर, एक बार और"। विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री को अपना वादा निभाना पड़ेगा और मुझे लोकसभा का टिकट देना पड़ेगा।
भाजपा नेताओं से बातचीत के बाद अब गौर के सुर भी बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में जाने का मेरा कोई विचार नहीं है। कांग्रेस ने ऑफर दिया था, लेकिन उसे एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दिया है।
मालूम हो, कुछ दिन पहले गौर ने कहा था कि दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर भोपाल से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है और मैं इस पर विचार कर रहा हूं। इसके बाद भाजपा नेता और मप्र में लोकसभा चुनाव के प्रभारी स्वतंत्रदेव सिंह ने गौर के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद कांग्रेस में जाने की बात को लेकर गौर ने अपना बयान बदल दिया।

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