panchayattantra24.-कवर्धा। नक्सली आत्मसमर्पण के सकारात्मक संकेतों के बीच पंडरिया क्षेत्र में एक धर्मिक और सामाजिक पहल का आयोजन किया गया। विधायक भावना बोहरा ने मंगलवार को पंडरिया ब्लॉक के नेउर गांव में 41 बैगा आदिवासी परिवारों के 125 लोगों को विधिवत पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनके घर वापसी समारोह में शामिल कराया। ये आदिवासी पूर्व में ईसाई धर्म में परिवर्तित थे और अब अपनी जड़ों की ओर लौटते हुए पुनः सनातन धर्म से जुड़ गए।
समारोह में विधायक ने सभी आदिवासियों का पांव पखारकर स्वागत किया और उन्हें अपने सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल धर्म परिवर्तन नहीं है, बल्कि अपनी परंपराओं और मूल संस्कृति की ओर लौटने का आह्वान है। साथ ही उन्होंने उन लोगों पर प्रहार किया जो धर्म विरोधी गतिविधियों में लगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग अभी भी हिन्दू धर्म में लौटना चाहते हैं, उनका स्वागत खुले दिल से किया जाएगा। कुछ दिन पहले आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में विधायक ने 58 परिवारों को भी घर वापसी कराई थी। यह कार्यक्रम सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जागृति के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए किया गया। नेउर गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन, ग्रामीण और अन्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
विधायक ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के “सुशासन” के संकल्प के अनुरूप, समाज के अंतिम व्यक्ति तक सांस्कृतिक जागृति और एकता का संदेश पहुंचाना ही उनका उद्देश्य है। उन्होंने सभी आदिवासियों से अपील की कि वे अपने परंपरागत रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक मूल्य अपनाएं और समाज में सकारात्मक योगदान दें। कार्यक्रम के दौरान विधिवत पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के माध्यम से आदिवासियों को उनके सांस्कृतिक मूल्यों और धार्मिक पहचान की ओर पुनः आकर्षित किया गया। यह पहल क्षेत्र में न केवल धार्मिक समरसता और समुदाय पुनर्संरचना को बढ़ावा दे रही है, बल्कि सामाजिक समावेशन और सामूहिक चेतना को भी मजबूत कर रही है।
समाज में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से आदिवासी समुदाय में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ रही है और लोगों में अपने मूल धर्म और परंपराओं के प्रति सम्मान और आत्मीयता का भाव जागृत हो रहा है। पंडरिया विधायक भावना बोहरा की इस पहल को क्षेत्र में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। लोग इसे समाज में सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बता रहे हैं। इस प्रकार के आयोजनों से आदिवासी और स्थानीय समुदाय के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और न केवल धर्मिक बल्कि सामाजिक सामंजस्य भी स्थापित हो रहा है।
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखना समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके लिए प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और समाज के प्रत्येक व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने विधायक भावना बोहरा की पहल की सराहना की और इसे क्षेत्र में सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में अहम कदम बताया।
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