भारत की टीम में अगले 24 महीनों में बड़ा बदलाव, कई सीनियर खिलाड़ी अगले साल टी20 प्रारूप नहीं खेलेंगे
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K.W.N.S.-एडीलेड: भारत की टी20 टीम में अगले 24 महीनों में बड़ा बदलाव होगा क्योंकि रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे सीनियर खिलाड़ियों को धीरे-धीरे बाहर कर दिया जाएगा. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. ऐसा लगता है कि अश्विन और दिनेश कार्तिक ने सबसे छोटे प्रारूप में भारत के लिए अपने आखिरी मुकाबले खेल लिए हैं लेकिन बीसीसीआई अपने टी20 अंतरराष्ट्रीय भविष्य के बारे में फैसला करने की जिम्मेदारी कोहली और रोहित पर छोड़ देगा. टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में टीम की शर्मनाक हार के बाद परेशान दिख रहे रोहित को मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने सांत्वना दी और फिर प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया का सामना भी किया. अगला टी20 विश्व कप अब भी दो साल दूर है और अगर मामले की जानकारी रखने वालों की बात मानी जाए तो हार्दिक पंड्या की अगुआई में नई टीम तैयार होगी क्योंकि वह लंबे समय तक कप्तानी करने के दावेदार हैं. बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया कि बीसीसीआई कभी किसी को संन्यास लेने के लिए नहीं कहता है. यह एक व्यक्तिगत निर्णय है. लेकिन हां 2023 में सीमित टी20 मुकाबलों को देखते हुए अधिकांश सीनियर एकदिवसीय और टेस्ट मैचों पर ध्यान केंद्रित करेंगे. सूत्र ने कहा कि अगर आप नहीं चाहते तो आपको संन्यास की घोषणा करने की जरूरत नहीं है. आप अगले साल ज्यादातर सीनियर खिलाड़ियों को टी20 खेलते हुए नहीं देखेंगे. पीटीआई ने हालांकि जब मुख्य कोच राहुल द्रविड़ से कोहली और रोहित जैसे सीनियर खिलाड़ियों के भविष्य के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि बदलाव के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी. द्रविड़ ने कहा कि सेमीफाइनल मुकाबले के बाद अभी इसके बारे में बात करना जल्दबाजी होगी. इन खिलाड़ियों ने हमारे लिए शानदार प्रदर्शन किया है. जैसा आपने कहा, हमारे पास इस पर विचार करने के लिए कुछ साल हैं. यह समझा जाता है कि अगले एक साल के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय प्रारूप को अधिक तवज्जो नहीं मिलेगी क्योंकि भारत अगले साल स्वदेश में होने वाले 50 ओवर के विश्व कप से पहले कम से कम 25 एकदिवसीय मैच खेलेगा. भारत के भविष्य दौरा कार्यक्रम पर नजर डालें तो पता चलता है कि 50 ओवर के विश्व कप तक टीम अगले सप्ताह न्यूजीलैंड में तीन मैच की श्रृंखला से शुरू होने वाले द्विपक्षीय आयोजनों के रूप में केवल 12 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी. शुभमन गिल को टीम में शामिल करने और ऋषभ पंत (दौरे के लिए उप-कप्तान) के पारी का आगाज करने से पावरप्ले बल्लेबाजी का समीकरण बदल सकता है. बेहद प्रतिभाशाली पृथ्वी साव को भी नहीं भूलना चाहिए जिन्हें कोच के रूप में द्रविड़ के कार्यकाल में बार-बार नजरअंदाज किया गया है. रोहित और कोहली बहुत बड़े नाम हैं और संभावना है कि बीसीसीआई अपने भविष्य का फैसला उन्हें ही करने देगा. रोहित अभी 35 साल के हैं और दो साल में 37 साल की उम्र में उनके वैश्विक टी20 टूर्नामेंट में टीम की अगुआई करने की उम्मीद नहीं है. कार्तिक को मौजूदा टी20 विश्व कप को देखते हुए अल्पकाल के लिए फिनिशर की भूमिका सौंपी गई थी. जहां तक अश्विन की बात है तो पूरे टूर्नामेंट के दौरान वह विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान करने में नाकाम रहे. छह मैच में उनके छह में से तीन विकेट जिंबाब्वे के खिलाफ आए. उन्होंने इस दौरान 8.15 की इकोनॉमी रेट से रन दिए. चोटों से पहले टीम में जगह पक्की करने वाले वाशिंगटन सुंदर को अब अधिक मौके मिलेंगे. एकमात्र मुश्किल फैसला लोकेश राहुल को लेकर होगा. उनका 120.75 का स्ट्राइक रेट दर्शाता है कि भारतीय टीम में सब कुछ सही नहीं है. राहुल शीर्ष टीमों में एकमात्र सलामी बल्लेबाज हैं जिन्होंने दो मेडन ओवर खेले हैं और बड़े मैच में किसी भी शीर्ष टीम (चार बनाम पाकिस्तान, नौ बनाम दक्षिण अफ्रीका, नौ बनाम इंग्लैंड) के खिलाफ दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाए. भारतीय टीम के मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अप्टन का अनुबंध टी20 विश्व कप में अभियान के समापन के साथ खत्म हो गया है. भारतीय टीम के साथ अप्टन के दूसरे कार्यकाल के वांछित परिणाम नहीं मिले हैं क्योंकि टीम एशिया कप और टी20 विश्व कप दोनों में ही प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाई.