भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने कहा केंद्र ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो संकट का सामना करना पड़ेगा
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K.W.N.S.-नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की एक ब्रांच भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने सोमवार को केंद्र को चेतावनी दी कि अगर किसानों की मांगों का समाधान नहीं किया गया तो आने वाला संकट गंभीर है। हजारों की संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर आयोजित की जा रही किसान गर्जना रैली में भाग लेने के लिए एकत्र हुए, जिसमें महंगाई के कारण किसान सम्मान निधि योजना को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये करना शामिल है।
रैली को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सड़कों पर सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक ट्रैफिक से बचने के लिए यातायात परामर्श जारी किया है। बीकेएस ने कहा कि 560 जिलों की 60,000 ग्राम समितियों के लगभग 1 लाख किसान रैली में भाग लेने के लिए रामलीला मैदान में एकत्रित हुए। किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंच रहे हैं और भोजन व अन्य खर्च भी वहन कर रहे हैं। रैली के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। किसान निकाय ने कहा कि सरकार का कोई भी प्रतिनिधि किसानों से संपर्क कर सकता है। किसान गर्जन रैली के लिए देश भर के किसानों के बीच जन जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके लिए 20,000 पदयात्राएं, 13,000 साइकिल यात्राएं और 18,000 नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जा चुकी हैं।
रैली पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों ने अपनी मांगें रखी हैं, जिन पर सरकार प्राथमिकता से विचार करेगी। उन्होंने कहा, ''हमारे किसान भाइयों के जमा हुए ज्ञापन की जानकारी मिली है। केंद्र उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील है। यह मोदी सरकार है जो सिर्फ किसानों के लिए बनी है। इसलिए यह उनके हित में काम करती रहेगी। पहले की सरकारें प्रो-एक्टिव होतीं, तो यह स्थिति कभी पैदा ही नहीं होती। बीकेएस ने कहा कि चूंकि बढ़ती महंगाई के कारण उनका कर्ज बढ़ रहा है, इसलिए केंद्र को किसानों के हित में उनकी मांगों पर विचार करना चाहिए। कृषि में उपयोग होने वाले सामानों पर जीएसटी हटाने के साथ ही किसानों को लागत आधारित लाभकारी मूल्य की गारंटी, किसान सम्मान निधि में मिलने वाली राशि में वृद्धि की जाए। --आईएएनएस