यूक्रेन की मुश्किल
- संपादकीय
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K.W.N.S.-यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की एक गहरी परेशानी में फंस गए दिख रहे हैं। एक तरफ वे रूसियों का आक्रमण को झेल रहे हैं, तो दूसरी तरफ अपने देश के ही अनेक मंत्रियों और प्रशासकों में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार के मामलों से उनकी रातों की नींद हराम हो रही है। हाल ही में उन्हें अपने सबसे बड़े विश्वासपात्र रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव को पदमुक्त करने का आदेश देना पड़ा। यानी इस विषम परिस्थिति में भी रक्षा विभाग भ्रष्ट आचरण में व्यस्त था।
इतना ही नहीं, पिछले एक महीने के दौरान कई प्रांतों के उप मंत्रियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है। मतलब कल्पना से परे उच्च पदों पर बैठे लोगों को इस समय उस रणनीति पर काम करना चाहिए था कि कैसे घुसपैठियों के आतंक को रोका जाए, रूस का सामना किया जाए। मगर उनमें से कुछ अधिकारी इस आपदा में भी अपना अवसर तलाशने में लगे।
ऐसी घटनाओं को देशद्रोह की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में दुश्मन का सामना किया जाएगा या घरेलू दुश्मनों को संभाला जाएगा? जब रूस ने पिछले साल चौबीस फरवरी को आक्रमण शुरू किया था तो अमेरिकी सरकार ने जेलेंस्की को सपरिवार अमेरिका आकर बसने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। आज जेलेंस्की क्या सोच रहे होंगे, यह कहना मुश्किल है, मगर सच यह है कि इस युद्ध में यूक्रेन की आम जनता पिस गई।