अपने नेता के चुनाव अपने दामाद की तरह करें
- संपादकीय
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अच्छे जीवन के लिए जरूरी है कि सोच विचार कर मतदान करे
जगदलपुर।(गिरिश शर्मा) लोकतंत्र में मतदाता ही नेताओं की किस्मत का फैसला करता है, आज वह दिन है जब मतदाता अपनी नई सरकार के लिए मतदान करने जा रहा है, इसलिए मतदाता बगैर किसी बहकावे में आकर ऐसे नेता को अपना वोट दे जो उनकी समस्याओं को लेकर गंभीर हो और वह उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए अपनी पार्टी के खिलाफ भी जाने का साहस रखता हो, क्योकि बस्तर को अभी तक रायपुर व दिल्ली वालों ने विकास के नाम पर सिर्फ छला ही है, जिसका खिमियाजा सम्पर्ण बस्तरवासी को भूगतना पड़ता है, इसलिए बस्तर की समस्याओं को आवाज देने वाले नेताओं की तलाश है, मतदाता ऐसे ही नेताओं के लिए ही वोट करे जो बस्तर की समस्याओं के प्रति गंभीर है। मतदाताओं के मतदान के बाद भी चुनाव जीतने वाले नेताओं को पांच साल के लिए नही भूला देना चाहिए समस समय पर नेताओं से हिसाब भी लेना चाहिए कि चुनाव के दौरान जो वादे किये वह कितने पूरे हुए और जो बचे है वह कब तक पूरे हेागें, लोकतंत्र में मतदाता को राजा का दर्जा मिला है, राजा अगर सेवक को खूली छूट दे देगा तो सेवक राजा के सर पर चढऩा तय है इसलिए सोच विचार कर अपना मतदान करने के साथ ही चुनाव जीतने वाले नेता की कार्यशैली पर नजर रखे क्योकि अगर वह अपने किये गये वादे पूरा नही करता है तो उसके खिलाफ आवाज बुलंद करने में भी देरी नही करें। बस्तर का चुनावी परिणाम सभी राजनीतिक पार्टियो के लिए अहम है इसलिए मतदाताओं की जिम्मेदारी दुगनी हो जाती है कि बस्तर में किसकों वोट देना है यह काम जिस तरह से बेटी की शादी करने के दौरान लडक़े के बारे में छानबीन करते है ताकि बेटी का जीवन अच्छा रहे उसी तरह ही मतदान करने से पूर्व आपके जीवन को कौन बेहत्तर बना सकता है इसके बारे में सोच विचार कर ही वोट दें।