वनो तथा वनोपज से वनवासियों की आर्थिक बेहतरी सरकार की प्राथमिकता
- छत्तीसगढ़
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रायपुर, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में शीर्ष विभागीय अधिकारियों की बैठक में विभाग की कार्यप्रणाली की विस्तार से जानकारी ली और विभागीय योजनाओं की प्रगति समीक्षा की। वन मंत्री श्री अकबर ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ वन सम्पदा के मामले में समृद्व राज्य है। प्रदेश के साल और सागोन वनों की पूरे देश में एक पहचान है। वनोपज वनवासियों, खासकर अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आय का महत्वपूर्ण जरिया है। वनों तथा वनोपज के माध्यम से वनवासियों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इनसे वनवासियों को मौसमी रोजगार मिलता है। विभाग को वनों के माध्यम से वनवासियों की आय बढ़ाने के लिए विशेष कार्य करना चाहिए। वनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी हर संभव कोशिश होनी चाहिए। बैठक में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के. खेतान ने कम्प्यूटर के जरिये वन विभाग और उससे जुड़ी संस्थाओं की गतिविधियों और योजनाओं का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने भविष्य की योजनाओं के बारे में भी विस्तार से बताया।
बैठक में संरक्षित और आरक्षित वनों, छत्तीसगढ़ की वन सम्पदा, वनों के महत्व, वन सुरक्षा, वन प्रबंधन समिति व्यवस्था, वन क्षेत्रों के विकास, वृक्षारोपण, कैम्पा, हरियर छत्तीसगढ़ कोष, पर्यावरण एवं वानिकी, वन भूमि व्यवर्तन, वन संरक्षण 1980 के अंतर्गत स्वीकृत प्रकरणों, वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत वन प्राधिकार पत्र वितरण, छत्तीसगढ़ एकीकृत पर्यावरण परियोजना, वन प्राणी प्रबंधन, गजराज परियोजना, जामवंत परियोजना, लघु वनोपज, वन अनुसंधान परियोजना के क्रियान्वयन और प्रगति के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके अलावा वन विकास निगम तथा औषधीय पादप बोर्ड की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गयी।
वन मंत्री श्री अकबर ने प्रदेश सरकार के जन घोषणा पत्र में शामिल विभाग से संबंधित बिन्दुओं पर अमल करने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जन घोषणा पत्र के बिन्दुओं पर अमल प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि वन प्राणियों से होने वाली जनहानि और फसल हानि के मामलों में मुआवजे की राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जल्द ही कार्रवाई की जाए। लघु वनोपज के समर्थन मूल्य पर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। इससे प्रदेश के लगभग 13 लाख वनोपज संग्रहक परिवारों को फायदा होगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री खेतान ने बताया कि प्रदेश में हर साल होने वाले वृक्षारोपण की सही-सही जानकारी रखने तथा वृक्षारोपण की नियमित मॉनिटरिंग करने केे उद्देश्य से सेटेलाईट आधारित डेस्कबोर्ड स्थापित करने की कार्रवाई चल रही है। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रदेश में साल के वृक्षारोपण के लिए विशेष अनुसंधान और प्रयोग का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि साल वन प्राकृतिक रूप से विकसित होते है। वन मंत्री श्री अकबर ने बैठक में बांस के उत्पादन और आपूर्ति के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने घोषणा पत्र में वन प्राधिकार पत्र वितरण की प्रक्रिया की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए भी जरूरी विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए।
बैठक में वन विभाग के सचिव श्री जयसिंह म्हस्के, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मुदित कुमार सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी प्रबंधन श्री कौशलेन्द्र सिंह, कैम्पा के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही.श्रीनिवास राव, छत्तीसगढ़ राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक श्री शिरीषचन्द्र अग्रवाल, छत्त्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ए.के. द्विवेदी, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के प्रबंध संचालक श्री राकेश चतुर्वेदी, छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री के.सी. यादव भी उपस्थित थे।