पांचवीं विधानसभा के पहले सत्र का आज पहला दिन
- रायपुर
- Posted On
रायपुर। छत्तीसगढ़ की पांचवीं विधानसभा के पहले सत्र का आज पहला दिन कई मायनों में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। बरसों केन्द्र की राजनीति में रहे डॉ. चरणदास महंत ने आज विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी सम्हाल ली। दो पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी एवं डॉ. रमन सिंह इस बार विपक्ष में बैठे नजर आए। दो पूर्व नेता प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे एवं टी.एस. सिहंदेव मंत्री वाली जगह पर आसीन हुए। शपथ चार भाषाओं हिन्दी, छत्तीसगढ़ी, संस्कृत एवं अंग्रेजी में ली गई। तीन राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस, भाजपा, बसपा के अलावा एक क्षेत्रीय दल जनता कांग्रेस इस विधानसभा का हिस्सा बन चुका है।
11 बजने को चार या पांच मिनट बाकी थे विधानसभा के गलियारे में सदन की कार्यवाही शुरु होने के लिए जोरों से घंटी बजी। चंद मिनटों में अधिकांश विधायक सदन के भीतर आ चुके थे। नहीं आए थे तो भाजपा के 15 विधायक। इधर, सत्ता पक्ष के विधायक डॉ. शिव कुमार डहरिया की भी कुर्सी खाली नजर आ रही थी। प्रोटेम स्पीकर रामपुकार सिंह आसंदी पर आए और शुरु हुआ शपथ का सिलसिला। लेकिन ये क्या, शपथ की प्रक्रिया शुरु हो जाने के बाद भी भाजपा के 15 विधायकों का पहुंचना नहीं हुआ था। कुछ देर बाद नजर आए तो एक ही भाजपा विधायक पुन्नूलाल मोहले, जो कि व्हील चेयर पर सदन में पहुंचे। 11 दिसंबर की रात मोहले की जीत की घोषणा हुई ही थी कि उसके कुछ घंटे बाद उनका भयंकर रोड एक्सीडेंट हो गया। तब से वे बिस्तर पर ही हैं। शपथ की कार्यवाही चल रही थी और हर किसी के मन में यही सवाल घुमड़ रहा था कि आखिर नेता प्रतिपक्ष कौन होगा। उधर भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में खींचतान मचे रहने के कारण नेता प्रतिपक्ष के चुनाव में देर हो रही थी। तभी यह अफवाह उड़ी कि पुन्नूलाल मोहले नेता प्रतिपक्ष बनाए गए हैं। ये खबर सोशल मीडिया में तेज गति से दौड़ने लगी। चंद मिनटों में ही यह खबर टॉय-टॉय फिस्स हो गई और एकात्म परिसर से अधिकृत जानकारी छनकर बाहर आई कि धरमलाल कौशिक नेता प्रतिपक्ष बनाए गए हैं। बहरहाल पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी व मोहले जिस जगह पर अपनी व्हील चेयर पर थे वहीं से दोनों ने शपथ ली। विधायकों की शपथ हो जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की बारी थी। न सिर्फ कांग्रेस बल्कि भाजपा व जनता कांग्रेस ने भी पहले ही डॉ. चरणदास महंत के नाम पर मुहर लगा दी थी,अतः प्रोटेम स्पीकर ने सर्वसम्मति से उन्हें अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे, डॉ. चरणदास महंत को स्पीकर की आसंदी तक लेकर गए। जहां प्रोटेम स्पीकर रामपुकार सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी डॉ. चरणदास महंत के हवाले की। डॉ. महंत के पदासीन होने के बाद सदन में वरिष्ठ विधायकों की तरफ से अभिव्यक्ति का दौर चल ही रहा था कि शेष 14 भाजपा विधायक एक-एक करके सदन में आए। फिर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने शपथ दिलाई।