अन्नू और रोशना के नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में, किया ये कारनामा
- छत्तीसगढ़
- Posted On
महासमुंद । कौन कहता है कि लड़कियां कमजोर होती हैं। अगर कोई ऐसा सोच भी रहा हो तो वो छत्तीसगढ़ के महासमुंद आकर इन दोनों लड़कियों से आ कर मिल ले। ये वो लड़कियां हैं जो अपनी आत्मरक्षा करने में इस कदर माहिर हैं कि इनसे पंगा लेने में लोग घबराते हैं। इनकी ताकत इससे नहीं कि ये खुद की सुरक्षा कर सकती हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि इन्होंने अपने जैसी कई लड़कियों को आत्मरक्षा की तकनीक सिखा कर उनके अंदर आत्म विश्वास भरा है। यह लड़कियां आज निर्भिक हो कर समाज में आत्म सम्मान के साथ रह रही हैं।
अन्नू भोई और रोशना डेविड उन लड़कियों के लिए मिसाल हैं जो खुद को समाज में डरा और असुरक्षित महसूस करती हैं। ये दोनों खुद तो आत्मरक्षा में दक्ष हैं ही दूसरी लड़कियों में भी आत्मविश्वास जगा रही हैं। दोनों ने दो- चार या दस-बीस नहीं 41170 लड़कियों को अब तक आत्मरक्षा में दक्ष बनाया है। अन्नू महासमुंद में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ हैं और रोशना एक समाज सेवी संस्था और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हैं।
राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर स्थानीय डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी सभागार टाउन हॉल में आयोजित समारोह में इन्हें गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में नामित होने का सर्टीफिकेट प्रदान किया गया। इन्होंने डीआईजी नेहा चंपावत व एसपी संतोष सिंह के मार्गदर्शन में हमर पुलिस हमर संग के तहत प्रदेश के 10 जिलों की 41170 बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया है। महासमुंद चाइल्ड फ्रेंडली जिला है और दिसंबर 2018 में एसपी को चैम्पियन ऑफ चेंज अवार्ड से नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने पुरस्कृत किया गया था।
लिहाजा देश में जिले के उत्कृष्ट सम्मान में पुलिस अधिकारियों की मदद से बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने में दोनों बेटियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिससे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की कमेटी प्रभावित हुई। इनके दस्तावेज देखे और इनका नाम यूएसए बेस्ड अंतराष्ट्रीय स्तर के सम्मान के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। इस उपलब्धि से महासमुंद जिला गौरवान्वित हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई ने कहा कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ऐसे लोगों का सम्मान करते हैं जो समाज हित में कुछ हटके काम करते हैं।