एक दशक बाद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा आएगा पृथ्वी के करीब
- रायपुर
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रायपुर। पूरे साल में चार से पांच बार चंद्रमा पृथ्वी के करीब आता है, लेकिन इस बार पहले चक्र में 21 जनवरी को पृथ्वी के करीब नहीं आया। अब 19 फरवरी और 21 मार्च पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के करीब दिखेगा। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि एक दशक के बाद ऐसा अवसर आएगा। चंद्रमा करीब होने के कारण बड़ा दिखाई देगा।
खगोली शास्त्री का कहना है कि पृथ्वी की परिक्रमा करता हुआ चंद्रमा पृथ्वी से 3 लाख 61 हजार 740 किलोमीटर या इससे कम दूरी पर आ जाएगा। इसे अंग्रेजी में सुपरमून कहा जाता है। 19 फरवरी का सुपरमून साल का सबसे नजदीक होगा। इस रात को चंद्रमा करीब 14% बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला होगा और 27 हजार 554 किलोमीटर करीब होगा।
खगोलशास्त्र के अनुसार
384400 किमी पृथ्वी और चांद की औसत दूरी
27554 किमी करीब होगा 19 फरवरी को सुपरमून
नजदीक 356500 किमी स्थिति को पेरिजी व दूर 406700 किमी वाली स्थिति को ओपीजी कहते हैं।
समानता पूर्णिमा के चंद्रमा से सुपरमून 7% बड़ा और 16% चमकीला होगा
फैक्ट फाइल
दोनों पूर्णिमा पर धरती से दूरी
19 फरवरी - 356846 किलोमीटर
21 मार्च - 360772 किलोमीटर
भविष्य में कब बनेगी ये स्थिति
2034 और 2052 में भी सबसे करीब होगा चंद्रमा। रविशंकर विवि के वैज्ञानिकों का मानना है कि इस सदी में 356500 किलोमीटर से कम दूरी का सुपरमून देखने के लिए 25 नवंबर 2034 का इंतजार करना होगा। इस दौरान चंद्रमा की दूरी 356446 किमी होगी। इस सदी का सबसे नजदीक 6 दिसंबर 2052 को होगा। चंद्रमा की दूरी 300425 किमी होगी।
इनका कहना है
एक संयोग बस है जो पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के करीब आ रहा है। इसके अलावा साल में पांच से छह बार पृथ्वी के करीब आएगा- डॉ. नंद कुमार चक्रधारी, एस्ट्रोलॉजिस्ट, रविवि
एक दशक के बाद चंद्रमा पूर्णिमा के दिन पृथ्वी के करीब आएगा। संयोग प्राकृति आपदा के बन रहे हैं। अविस्मरणीय घटनाएं हो सकती हैं। चंद्र दान करना होगा- पंडित संजय शर्मा, ज्योतिषाचार्य