पहली बार किताबों के साथ प्राइमरी के 22 लाख बच्चों को मिलेंगी कॉपियां
- रायपुर
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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार पहली से पांचवीं तक सरकारी स्कूलों के बच्चों को अब न सिर्फ किताबें, बल्कि निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी नोटबुक (कॉपियां) भी देगी। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के प्रॉफिट फंड से कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तौर पर 22 लाख बच्चों के लिए नोटबुक तैयार कराई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि सरकारी स्कूल में ज्यादातर बीपीएल परिवार के बच्चे पढ़ते हैं। उनके लिए किताबें तो मुफ्त में मिल जाती हैं पर कॉपियां नहीं मिलतीं। ऐसे बच्चों के लिए यह योजना वरदान साबित होगी।
सीखने और सिखाने का पैमाना पहले ही तय
सरकारी स्कूलों में बच्चों के पढ़ने-पढ़ाने और सिखाने का पैमाना सरकार ने पहले ही फिक्स कर दिया है। इसके मुताबिक पहली के बच्चे को कम से कम गणित में 20 तक गिनती और जोड़, घटाने की प्रक्रिया आनी चाहिए। 20 तक गिनती के बीच में वह कौन बड़ी संख्या और कौन छोटी संख्या है, यह तय कर पा रहा है तो उसका लर्निंग आउटकम ठीक है। 01 से 20 तक गिनती सीखना पर्याप्त है। इसी तरह कक्षा दूसरी के बच्चे को 99 तक गिनती लिखना, पढ़ना आना चाहिए , साथ ही रुपए, सिक्के, शेप्स की जानकारी हो जाए तो उसे अधिक पढ़ाने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कक्षा और उम्र के आधार पर बच्चों में लिखने, पढ़ने, समझने और बोलने की क्षमता को परखने का आधार तय कर दिया है। उसके हिसाब से ही नोटबुक बनाई जा रही है।
ये मिलेगा फायदा
नोटबुक इस तरह से डिजाइन की गई है कि इसमें शिक्षक किसी एक कक्षा के विभिन्न् लर्निंग आउटकम पर काम करने के बाद उन पर अलग-अलग तरीके से अभ्यास करा सकेंगे। यह सामग्री इस प्रकार से तैयार की गई है कि शिक्षक किसी एक कक्षा के विभिन्न् लर्निंग आउटकम पर कार्य करने के बाद उन पर अलग-अलग तरीकों से अभ्यास कराएंगे।
नोटबुक डिजाइन के लिए सौंप चुके हैं काम
नोटबुक बनाने के लिए समग्र शिक्षा विभाग के सहायक संचालक डॉ. एम सुधीश को काम दिया गया है। वे बच्चों के पढ़ने-पढ़ाने और सिखाने के पैमाने पर ही नोटबुक की डिजाइन कर रहे हैं। डॉ. सुधीश प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता अभियान के लिए हर साल माड्यूल तैयार कर रहे हैं। इसके आलावा नवाचार शिक्षा पर भी फोकस करते हुए गुणवत्ता के लिए काम कर रहे हैं।
राज्य सरकार बच्चों के हित में काम करने के लिए हर तरह से तैयार है। इसी कड़ी में हमने अब पाठ्यपुस्तक निगम के प्रॉफिट फंड को शिक्षा की गुणवत्ता में खर्च करने का निर्णय लिया है। इससे सरकारी स्कूलों के बच्चों को बेहतर डिजाइन और लर्निंग आउटकम की नोटबुक मिलेगी। - एस प्रकाश, संचालक लोक शिक्षण संचालक एवं एमडी पाठ्यपुस्तक निगम