Friday, 14 March 2025

प्रत्यर्पण की लंबी प्रक्रिया

प्रत्यर्पण की प्रक्रिया आसान बनाने हेतु अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठानी होगी, ताकि ऐसा कोई कानून बने जिससे वांछित तत्व बहानेबाजी कर बचने न पाएं।
भारत में घपला-घोटाला या अन्य कोई अवैध-अनुचित काम कर विदेश में छिपने वालों को स्वदेश लाने के लिए कूटनीतिक गतिविधियों को गति देना समय की मांग है, लेकिन इसी के साथ उन उपायों पर भी गौर किया जाना चाहिए, जिससे प्रत्यर्पण में कम से कम समय लगे। यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि अधिकतर मामलों में विदेश में जा छिपे लोगों को भारत लाने में कहीं अधिक समय लग जाता है। नि:संदेह यह राहतकारी है कि ब्रिटेन के गृह मंत्री ने विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी, लेकिन अभी यह तय नहीं कि वह भारत के हाथ कब लगेगा। विजय माल्या ब्रिटेन के गृहमंत्री के आदेश के खिलाफ वहां के उच्च न्यायालय में अपील करेगा। यदि उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को सही पाया, तब जाकर माल्या का भारत आना सुनिश्चित हो सकेगा। हालांकि इसके आसार न के बराबर हैं कि उच्च न्यायालय निचली अदालत के आदेश में कोई हेरफेर करेगा, लेकिन अभी यह नहीं कहा जा सकता कि वह अपना फैसला कब सुनाएगा? देखना यह भी होगा कि ब्रिटिश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विजय माल्या भारत आने से बचने के लिए कोई जतन करता है या नहीं? ध्यान रहे कि वह भारत आने से बचने के लिए किस्म-किस्म के बहाने गढ़ता रहा है। यही काम पंजाब नेशनल बैंक में घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी भी कर रहे हैं। जहां नीरव मोदी यह राग अलाप रहा कि उसे भारत में खलनायक की तरह देखा जा रहा, वहीं मेहुल चोकसी यह बहाना पेश कर रहा कि वह एंटीगुआ से भारत तक का लंबा हवाई सफर नहीं कर सकता। विडंबना यह है कि कई बार इस तरह की बहानेबाजी को संबंधित देशों की अदालतें महत्व देने लगती हैं।
यह एक तथ्य है कि ब्रिटेन की अदालतों ने भारत में वांछित कई तत्वों को इस आधार पर प्रत्यर्पित करने से मना कर दिया कि यहां की जेलों की दशा अच्छी नहीं है। एक ओर ब्रिटेन जैसे देश हैं, जहां का प्रत्यर्पण संबंधी तंत्र कुछ ज्यादा ही जटिल है, वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश हैं, जो वांछित शख्स की पहचान स्थापित होने और उसकी कारगुजारी का विवरण मिलते ही उसे प्रत्यर्पित कर देते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे भी देश हैं, जो प्रत्यर्पण के मामले में एक तरह से मनमाना रवैया प्रदर्शित करते हैं। पुरुलिया कांड में वांछित किम डेवी का पुर्तगाल से प्रत्यर्पण नहीं हो पा रहा है तो इसीलिए, क्योंकि वहां की सरकार भारत की चिंता समझने के बजाय अपने आपराधिक अतीत और छवि वाले नागरिक की हिफाजत को ज्यादा अहमियत दे रही है। यह सही है कि पुर्तगाल सरीखे योरपीय देश मानवाधिकारों को कहीं अधिक अहमियत देते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे इसके नाम पर अपराधियों का बचाव करें। जरूरी केवल यह नहीं है कि पुर्तगाल सरीखे देशों के प्रति सख्त कूटनीति का परिचय दिया जाए, बल्कि यह भी है कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज भी उठाई जाए, ताकि ऐसा कोई कानून बन सके, जिससे वांछित तत्व बहानेबाजी कर प्रत्यर्पण से बचने न पाएं।

  • RO No 13073/164 "
  • R.O.NO.13073/164 " B
  • R.O.NO.13073/164 " C
  • R.O.NO.13129/83 " D
  • RO No 13073/164 " A

About Us

छत्तीसगढ़ का एक ऐसा न्यूज पोर्टल panchayat tantra24.com है जिसमे ग्रामीण परिवेश से सम्बंधित समस्याएं व विकास साथ ही सरकार की जनहित कल्याणकारी योजनाओं को आम नागरिक को रुबरू कराना अपना दायित्व समझकर समाज व देशहित में कार्य कर रही है साथ ही पंचायत प्रतिनिधियो की आवाज को भी सरकार तक पहुचाने का काम एक सेतु की तरह कर रही है

Address Info.

स्वामी / संपादक - श्रीमती कन्या पांडेय

कार्यालय - सुभाष नगर मदर टेरेसा वार्ड रायपुर छत्तीसगढ़

ई मेल - panchayattantra24@gmail.com

मो. : 7000291426

MP info RSS Feed