गणेश उत्सव में इन 10 मत्रों के जाप से मिलेगा गणपति का आशीर्वाद
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PT - मंगलवार 19 जुलाई 2023 से गणेशोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। घर-घर से लेकर पूजा पंडालों में गणपति की मूर्ति की स्थापना के बाद पूजा-पाठ किए जा रहे हैं। दस दिवसीय गणेशोत्सव में के बाद 11 वें दिन अगले बरस जल्दी आने का वचन देकर बप्पा विदा होंगे।
गणेशोत्सव के दौरान आप भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही इस दौरान भगवान गणेश के प्रभावशाली मंत्रों का जाप भी जरूर करें। इन मंत्रों के जाप से बप्पा शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। साथ ही इन मंत्रों के जाप से जीवन में चल रही परेशानियों का भी अंत हो जाता है। जानते हैं श्री गणेश के इन प्रभावशाली मंत्रों के बारे में...
श्री गणेश के प्रभावशाली 10 मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
अर्थ है: घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीरकाय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली। मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सभी कार्य बिना विघ्न के पूरे कीजिए।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥ अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते।
अर्थ: विघ्नेश्वर, वरदान देनेवाले, देवताओं को अतिप्रिय, लम्बोदर, कलाओं से परिपूर्ण, जगत् हितकारी, गज के समान मुख वाले, वेद और यज्ञ से विभूषित पार्वतीपुत्र को नमस्कार है। हे गणनाथ आपको नमस्कार है।
अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः ॥
अर्थ है: हे हेरम्ब! आपको किसी भी प्रमाणों द्वारा मापा नहीं जा सकता, आप तो परशु धारण करने वाले हैं, आपका वाहन मूषक है, विश्वेश्वर आपको बार-बार मेरा नमस्कार है।
एकदन्ताय शुद्घाय सुमुखाय नमो नमः।
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने ॥
अर्थ है: एक दांत और सुन्दर मुख वाले, जो शरणागत भक्तजनों के रक्षक और प्रणतजनों की पीड़ा को नाश करनेवाले हैं। उन शुद्धस्वरूप गणपति को मेरा बार-बार नमस्कार है।
एकदंताय विद्महे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात।।
अर्थ है: एक दंत को हम जानते हैं, वक्रतुण्ड का हम ध्यान करते हैं। हे गजानन हमें प्रेरणा प्रदान करें।
ऊँ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने। दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने।।
अर्थ है: समस्त सुखों को प्रदान करने वाले, सच्चिदानन्द स्वरूप विघ्नराज प्रभु गणेश को नमस्कार है। जो दुष्ट अरिष्ट ग्रहों का सर्वनाश करते हैं और जो परमात्मा हैं। उन गणपति महाराज को मेरा प्रणाम है।
रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं।
भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्॥
अर्थ है: हे गणाध्यक्ष रक्षा कीजिए, रक्षा कीजिए। हे तीनों लोकों के रक्षक! रक्षा कीजिए। आप भक्तों को अभय प्रदान करने वाले हैं भवसागर से मेरी रक्षा कीजिए।
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
अर्थ हैं: यह गणेश शुभ लाभ मंत्र है, जिसका अर्थ है, भगवान गणेश की कृपा हमें हर जन्म में मिलती रहे। हम सारी बाधाओं को दूर कर खुशहाल जीवन देने की कामना करते हैं।
गजाननाय महसे प्रत्यूहतिमिरच्छिदे ।
अपारकरुणापूरतरङ्गितदृशे नमः ॥
अर्थ है: विघ्नरूप अन्धकार का नाश करनेवाले, अथाह करुणारूप जलराशि से तरंगति नेत्रों वाले श्रीगणेश नामक ज्योतिपुंज को मेरा नमस्कार है।
परात्परं चिदानन्दं निर्विकारं हृदि स्थितम् ।
गुणातीतं गुणमयं मयूरेशं नमाम्यहम् ॥
अर्थ है: जो परात्पर, चिदानन्दमय, निर्विकार सबके हृदय में अंतर्यामी रूप से है, गुणातीत और गुणमय हैं, उन मयूरेश गणेश को मेरा प्रणाम है।