इस आधार पर होगी शिक्षकों की भर्ती
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रायपुर । प्रदेश में 14580 पदों के लिए होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में नवीन रोस्टर आरक्षण लागू करने की तैयारी की जा रही है। ई और टी संवर्ग में होने वाली भर्ती परीक्षा के लिए शुक्रवार को लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी विभागों से रोस्टर अनुसार पदों को आरक्षण देने की जानकारी मांगी है।
अब नवीन रोस्टर आरक्षण से पदों की भर्ती के संबंध में जारी किए गए आदेश से कयास लगाए जा रहे हैं कि गरीब परिवारों को इसका लाभ मिल सकता है। आदेश में लिखा गया है कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल के माध्यम से शिक्षक भर्ती परीक्षा ली जा रही है।
गौरतलब है कि पूर्व में जारी किए गए विज्ञापन में किसी भी प्रकार के नवीन रोस्टर का उल्लेख नहीं किया गया है। शुक्रवार को जारी आदेश में नवीन रोस्टर लागू करने और कार्यालयों से जानकारी मांगने से स्पष्ट हो रहा है कि जल्द ही आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकार की ओर से गरीब परिवारों को आरक्षण देने के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को मिल सकता है फायदा
हालांकि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आरक्षण लागू करने का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन नवीन रोस्टर के आदेश ने आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार को आरक्षण मिलने की संभावना प्रबल कर दी है।
केन्द्र सरकार ने सात जनवरी को की थी घोषणा
केन्द्र सरकार ने सात जनवरी को आर्थिक रूप से गरीब परिवार को सरकारी नौकरी, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में होने वाली प्रवेश परीक्षाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की थी। राज्यों को इसे लागू करने का निर्देश दिया था। 14 जनवरी को गुजरात ने आरक्षण लागू कर देश का पहला ईडब्ल्यूएस देने वाला राज्य बन गया। वहीं छत्तीसग़ढ़ में दो महीने बाद केवल आरक्षण के लिए कमेटी गठित की जा सकी है।
कांग्रेस दुराग्रह के कारण युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहीः उपासने
प्रदेश में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के लिए आरक्षण लागू नहीं करने पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार की तीखी आलोचना की है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि केन्द्र के इस जनकल्याणकारी कदम को अमल में न लाकर प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के युवकों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस के सहयोग के इस निर्णय को पारित किया गया है। प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री संकीर्ण राजनीतिक मानसिकता और दुराग्रह के चलते इसे छत्तीसगढ़ में लागू नहीं कर रहे हैं।