डेढ़ साल की दूधमुंही बच्ची के साथ रेप किया, मां को धमकाया .....
- रायपुर
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रायपुर । जिला न्यायालय ने मंगलवार को डेढ़ साल की दूधमुंही बच्ची के साथ रेप के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चालान पेश होने के महज एक माह के भीतर आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने जुर्माने की राशि पीड़िता को देने का आदेश दिया। जुर्माना नहीं पटाने पर आरोपी को अतिरिक्त एक वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। मामले की सुनवाई सप्तम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार की कोर्ट में हुई। मामले की पैरवी लोक अभियोजक गाजेंद्र सोनकर ने की।
तेलीबांधा थाना क्षेत्र के जोरा निवासी मुकेश विश्वकर्मा पिता सुमरन विश्वकर्मा को कोर्ट ने दूधमुंही बच्ची के साथ रेप के आरोप में कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी 25 फरवरी को अपने पड़ोस की बच्ची को अपने साथ खेलने के बहाने घर ले गया और वहां रेप किया ।
घटना की जानकारी मिलने पर बच्ची के परिजनों ने घटना की रिपोर्ट थाने में की। परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी को महज पौन घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया।
यह है पूरा मामला
घटना दिनांक की सुबह बच्ची को उसकी मां गोद में लेकर घर की साफ सफाई कर रही थी। सुबह वह कचरा फेंकने जा रही थी, जहां पहले से मौजूद आरोपी बच्ची को अपने साथ खेलने के लिए ले जाने की बात कहकर साथ ले गया।
घर का कामकाज निपटाने के बाद वह अपनी बच्ची को लेने के लिए गई, तो आरोपी का कमरा बाहर से बंद था। आस-पड़ोस में पतासाजी करने पर जब बच्ची नहीं मिली, तब वह फिर आरोपी के घर गई और दरवाजे पर दस्तक दी। इस पर मुकेश ने बच्ची को उसकी मां के सुपुर्द कर दिया। बच्ची बिलख-बिलख कर रो रही थी।
चोरी ऊपर से सीना जोरी
बच्ची की मां ने मुकेश से अपनी बच्ची के रोने की वजह पूछा, तो वह उसे कुछ बताने को तैयार नहीं हुआ। प्राइवेट पार्ट से खून निकलता देख बच्ची की मां ने इसकी वजह जानने का प्रयास किया, तो आरोपी ने बच्ची की मां के साथ बदसलूकी करते हुए बच्ची के साथ रेप करने की बात कहते हुए धमकी दी कि उसे जो करना है कर ले, उसका वह कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
पहली बार एक माह के भीतर फैसला
जानकारों की मानें, तो रेप के मामले में चालान पेश होने के एक माह के भीतर कोर्ट ने किसी आरोपी को सजा सुनाई है। पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए मामले की विवेचना कर दो मार्च को कोर्ट में 32 पेज का चालान पेश किया। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को 13 मार्च को आरोपपत्र पढ़कर सुनाया और अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।