धरती आबा योजना से ओंकार नाथ के जीवन में हो रहा सकरात्मक बदलाव
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panchayattantra24.com-रायपुर। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत आयोजित शिविरों के माध्यम से बेमेतरा जिले के सुदूर और पिछड़े गांवों में जनसेवाओं को नजदीक लाकर आमजन के जीवन में सार्थक परिवर्तन की दिशा तय की है। ऐसा ही एक प्रेरक उदाहरण है। विकासखंड साजा के ग्राम कोरवाय निवासी ओंकार नाथ का। ओंकारनाथ के जीवन में सकरात्मक बदलाव हो चुकी है।
ओंकार नाथ एक मेहनती और ईमानदार खेतिहर मजदूर हैं, जो लंबे समय से मनरेगा व अन्य निर्माण कार्यों में असंगठित क्षेत्र में श्रमिक के रूप में कार्य कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। लेकिन सरकारी योजनाओं की जानकारी के अभाव और आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण वह अब तक किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ नहीं ले पाए थे।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत दो दिवसीय शिविर का आयोजन जब ग्राम कोरवाय में किया गया। तब ओंकार नाथ भी अपनी जिज्ञासा और उम्मीदों के साथ शिविर में पहुंचा। वहां उन्हें श्रम विभाग की टीम ने श्रमिक पंजीयन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। दस्तावेजों की तत्काल जांच कर शिविर में ही उनका नवीन श्रम कार्ड बनाया गया। यह ओंकार नाथ के जीवन की दिशा बदलने वाला क्षण सबित हुआ।
ओंमकार नाथ का नवीन श्रम कार्ड पंजीयन हुआ। कार्ड मिलने के बाद अब उनको राज्य सरकार की श्रम कल्याण योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। भविष्य में जैसे कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की ओर से श्रमिक बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, मुफ्त साइकिल, मातृत्व सहायता, औजार सहायता, पेंशन और मकान निर्माण सहायता जैसी योजनाओं का लाभ वे भी उठा सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने शिविर के दौरान आधार अपडेट, आयुष्मान कार्ड और बैंक खाता आधार से लिंक की प्रक्रिया भी पूरी की।
ओंकार नाथ कहते हैं, “पहले उन्हें नहीं पता था कि सरकार से इतना कुछ मिल सकता है। अब उम्मीद है कि हमारे बच्चों की पढ़ाई और हमारे जीवन की कठिनाइयों में कुछ राहत जरूर मिलेगी। यह शिविर हमारे गांव के लिए वरदान से कम नहीं है।”
उनकी यह सफलता न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि इस बात की मिसाल भी है कि जब सरकार की योजनाएं लोगों के द्वार तक पहुंचती हैं और सही मार्गदर्शन मिलता है, तो जीवन में सकरात्मक बदलाव आता है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के इस सफल शिविर ने यह सिद्ध किया है कि सही समय सही स्थान और संवेदनशील प्रयासों के माध्यम से सामाजिक समावेशन और सशक्तिकरण की दिशा में अभूतपूर्व परिवर्तन लाया जा सकता है। ओंकारनाथ की यह कहानी अब ग्राम कोरवाय में नई उम्मीदों और प्रेरणा की कहानी बन चुकी है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा सभी वर्गों के विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है।