इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन नई दिल्ली (AICTE) ने प्रोग्राम शुरू,राष्ट्रीय समन्वय समिति का किया गठन
- दुर्ग
- Posted On

panchayattantra24.com,भिलाई। देश में इंजीनियरिंग का दौर वापस लाने और क्वालिटी एजुकेशन के लिए एक बार फिर कवायद शुरू हो गई है. इसके लिए ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन नई दिल्ली (AICTE) ने प्रोग्राम शुरू किया है. सभी तकनीकी शिक्षा पाठ्यक्रम के शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण पहल कार्यक्रम चलाया गया था।
कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षित करने के नियम बनाये गए. जिसके राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय समन्वय समिति का गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष वरिष्ठ शिक्षाविद् सह पूर्व कुलपति प्रोफेसर एच. पी. खिन्चा व सदस्य पूर्व कुलपति प्रोफेसर आर. पी. दहिया, एआईसीटीई के डायरेक्टर प्रोफेसर सी. थंगराज, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, वरिष्ठ शिक्षाविद कर्नल बी. वेंकट, तकनीकी शिक्षा के गुणवत्ता सुधार में लगे देश के चारों एनआईटीटीटीआर के निदेशक सहित छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई के कुलपति प्रोफेसर मुकेश कुमार वर्मा को बनाया गया है।
इंजीनियरिंग एवं मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम में गुणवत्ता सुधार के लिए एआईसीटीई (AICTE) द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. एआईसीटीई ने सभी स्तर के शिक्षकों की पठन-पाठन की गुणवत्ता सुधार करने का जिम्मा लिया है. जिसके अंतर्गत इस पहल कार्यक्रम के माध्यम से नव नियुक्त शिक्षकों से लेकर 5 वर्ष से कम एवं ज्यादा शैक्षणिक कार्य अनुभव वाले शिक्षकों को विभिन्न स्तर के पायदानों में प्रशिक्षण देने का कार्य करेंगे. इसके लिए 8 मापदण्ड बनाए गए है तथा 25 अन्य मापदण्ड प्रक्रियाधीन है. सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेकर समिति द्वारा प्रमाणित प्रमाण-पत्र लेना होगा।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम द्वारा अकादमिक प्रशिक्षण मेंटर प्रशिक्षण व औद्योगिक प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा. यह तकनीकी शिक्षकों की आवश्यक योग्यताओं में से एक के रूप में एआईसीटीई द्वारा शामिल किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत देश के लगभग 10 हजार से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।