डॉं सोनी ने आगे बताया ईश्वरी साधना के लिए वर्ष में में चार रात्रिया सर्वश्रेष्ठ मानी गई हैं। जिसमें पहली रात्रि महाशिवरात्रि, दूसरी रात्रि होलिका दहन की रात्रि, तीसरी रात्रि दीपावली की रात्रि और चौथी और अंतिम रात्रि दशहरा विजयादशमी की रात्रि इन चार रात्रि में की गई भक्तों की साधना कभी बेकार नहीं जाती।

क्या करें, महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष

 -महाशिवरात्रि के दिन गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करने से दरिद्रता का नाश होता है। और धन्य धन्या की प्राप्ति होती है।

 - जिन जात को को जोड़ों के दर्द गठिया के दर्द रहते हैं। वह महाशिवरात्रि पर बीज मंत्र का सवा लाख जाप करें और राहत मिलती है।

 -यदि जीवन में शत्रुओं का प्रभाव बढ़ गया हो। अथवा शत्रु परेशान करते हो। तो गोमती चक्र पर का नाम लिखकर शिव जी के चरणों में अर्पित कर दें। इससे शत्रुओं मनोदशा आपके प्रति बदल जाएगी।