बुलंदशहर हिंसा: FIR में 3 बार जिक्र, फिर भी योगेश का नाम लेने से बचते दिखे ADG
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एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने योगेश राज का नाम लेना मुनासिब ही नहीं समझा. जब पत्रकारों ने खुद उसका नाम लेकर एडीजी साहब से सवाल किया तो उन्होंने इस हिंसा के
बुलंदशहर के स्याना में हुए बवाल की पहली एफआईआर में भले ही बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज के नाम का जिक्र 3 बार हो, लेकिन यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसका नाम लेने से बचते रहे. जब पत्रकारों ने उसका नाम लेकर सवाल पूछा तब उन्होंने कहा कि उनका नाम इस केस में नामित है. जांच की जा रही है.
बजरंग दल का संयोजक है मुख्य आरोपी
स्याना थाने के प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की हत्या का आरोपी बजरंग दल का नेता योगेश राज है. आरोप है कि उसके साथ भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता भी इस वारदात को अंजाम देने में शामिल थे. यहां तक कि इंस्पेक्टर सुबोध का जो आखरी वीडियो सामने आया, उसमें योगेश राज उनके साथ बहस करता दिख रहा है.
FIR में 3 बार आया योगेश का नाम
इस हिंसा की एफआईआर खुद चिंगरावठी पुलिस चौकी के इंचार्ज सुभाष चंद ने दर्ज कराई है. उस एफआईआर में सब इंस्पेक्टर सुभाष ने पहला नाम योगेश राज का ही लिखवाया है. हालांकि उसके साथ अन्य 27 लोग भी नामजद किए गए हैं. लेकिन इस हिंसा की तहरीर में 3 बार योगेश का नाम आया है. एफआईआर में साफ-साफ लिखा है कि वो भीड़ का नेतृत्व कर रहा था. भीड़ को भड़का रहा था.
योगेश के नाम से परहेज
लेकिन जब मंगलवार की दोपहर यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आनंद कुमार मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने योगेश राज का नाम लेना मुनासिब ही नहीं समझा. जब पत्रकारों ने खुद उसका नाम लेकर एडीजी साहब से सवाल किया तो उन्होंने इस हिंसा के आरोपी को इज्जत बख्शते हुए कहा कि उनका नाम इस मामले में नामित है. उन्होंने किसी भी संगठन का नाम लेने से मना करते हुए कहा कि किसी संगठन का नाम लेना उचित नहीं है. एडीजी ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी की कोशिशें की जा रही हैं. योगेश राज अभी ना गिरफ्तार हैं, ना ही हिरासत में हैं.
'इंस्पेक्टर ने खुद को मारी गोली, योगेश नादान'
उधर, जब आज तक की टीम हिंसा के मास्टरमांइड योगेश राज के घर पहुंची तो वहां मौजूद उसकी बहन ने कहा कि योगेश नादान है. वो गो माता का रक्षक और सेवक है. मां बहनों का सेवक है. सेवा करता है. वो वहां नहीं गया था. लेकिन जब आजतक टीम ने उसकी बहन से वीडियो का जिक्र किया उसकी बहन ने मासूमी से कहा कि योगेश वहां था ज़रूर लेकिन इंस्पेक्टर ने उसे कहा कि देख मैं खुद को गोली मार रहा हूं, इसमें तेरा नाम आएगा. और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने खुद को गोली मार ली और उसकी हत्या हो गई.
मृतक युवक का शव गांव रवाना
मेरठ के आई.जी. ने आजतक से कहा कि ऐसा कोई वीडियो नहीं है, जिसमें सुबोध कुमार सुमित कुमार को गोली मारते दिख रहे हैं. कई वीडियो वायरल हैं. एसआईटी जांच कर रही है. सुमित की डेड बॉडी गांव में आने वाली है. उसको लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.