जन घोषणापत्र पर फोकस सरकार का पहला बजट, मंत्रियों ने अपने विभागों के लिए नवीन योजनाओं के दिए प्रस्ताव
- रायपुर
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेतृत्व वाली भूपेश सरकार के पहले सालाना बजट का खाका तैयार हो गयाह ै। यह पहला बजट कांग्रेस के जन घोषणापत्र पर केंद्रित होने की संभावना है।
वित्त विभाग ने बजट की तैयारियों के लिए कुछ दिन पहले मंत्री स्तरीय चर्चा शुरू की थी, इसका समापन गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों के बजट प्रस्तावों पर चर्चा के साथ हुआ। अब प्रस्तावित बजट राज्य मंत्रि परिषद की बैठक में रखा जाएगा। यह बैठक 28 या 29 जनवरी को संभावित है। बजट प्रस्तावों को मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री के रूप में विधानसभा में अपना पहला बजट पेश करेंगे।
बताया गया है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने विभागों से संबंधित बजट प्रस्ताव तथ नवीन मद के प्रस्ताव पेश किए। इस संबंध में वित्त विभाग के अधिकारियों से चर्चा के बाद प्रस्तावों कों अंतिम रूप दिया गया है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वित्त विभाग ने 21 जनवरी से 24 तक मंत्री स्तरीय बजट चर्चा रखी थी। सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने अपने विभागों से संबंधित प्रस्ताव रखे। मंत्रियों ने अपने क्षेत्र तथा विभाग की मांग तथा समस्या के आधार पर प्रस्ताव पेश किए। इस प्रक्रिया के बीच मुख्यमंत्री की मंत्रियों से बजट प्रस्तावों को लेकर मंत्रणा भी हुई है।
जन घोषणापत्र पर रहेगा फोकस
कांग्रेस सरकार का पहला सालाना बजट जन घोषणापत्र पर आधारित होगा। बजट निर्माण की प्रक्रिया से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि अधिकतर बड़े प्रस्ताव घोषणापत्र के वादों को पूरा करने वाले हैं। घोषणापत्र में शामिल मुद्दों को पूरा करने के हिसाब से ही नवीन मद की योजना के प्रस्ताव तैयार किए हैं। इन प्रस्तावों को ही सरकार ने प्राथमिकता के साथ मंजूरी दी है।
बताया गया है कि कई वादों को पूरी करने के लिए एकमुश्त राशि जारी करना कठिन होने पर विचार करने के बाद जितना संभव हो सका, उतने प्रावधान किए गए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि जन घोषणापत्र का क्रियान्वयन अगले पांच साल में किया जाना है, इसलिए योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर चुना गया है।
नए मंत्रियों ने दिलचस्पी दिखाई
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार में शामिल नए मंत्रियों ने बजट की प्रक्रिया में गंभीरता से हिस्सा लिया। अपने अपने क्षेत्र की समस्याएं, मांग तथा सुधार के हिासब से सुझााव दिए गए। बजट की चर्चा में शामिल होने से पहले मंत्रियों ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर बहुत सी चीजों को देखा तथा समझा है। इसके विपरीत सरकार में मंत्री रहे हैं, ने बेहद सधे हुए अंदाज में अपने विमानों की मांगे रखी तथा बजट में नवीन प्रावधान शामिल कराए है।