लोक आयोग के प्रकरणों में दोषियों पर कार्रवाई करेगा वन विभाग
- रायपुर
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रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक आयोग की अनुशंसा के बाद भी वन विभाग के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होने पर एसीएस वन खेतान ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कुछ प्रकरणों में जांच में दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ समयावधि में कार्रवाई नहीं किए जाने पर अप्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने पीसीसीएफ को लोक आयोग के प्रकरणों की जांच समय-सीमा में पूरी करने और दोषी अधिकारियों – कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई को कहा है। खेतान ने मंत्रालय में बैठक ली। इसमें आयोग के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरण जिसमें आयोग से कई बार स्मरण पत्र प्राप्त हुए हैं तथा वे प्रकरण जिसमें जांच के बाद आयोग की अनुशंसा पर कार्यवाही लंबित है, इन प्रकरणों पर समय-सीमा में कार्रवाई की जाए। प्रमुख लोकायुक्त द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार वन्य प्राणी बिलासपुर के प्रकरण में बिलासपुर के कलेक्टर से एक महीने में जांच कराई जाए। जिन प्रकरणों में जांच प्रतिवेदन भेजा जा चुका है, परन्तु जांच उल्लेखित बिन्दुओं पर तकनीकी अभिमत अथवा गुणवत्ता परीक्षण प्रतिवेदन इत्यादि के कारण प्रकरण लंबित हैं। ऐसे प्रकरणों में पालन प्रतिवेदन तत्काल शासन को भेजा जाए। बैठक में मुख्य वन संरक्षक रायपुर, बिलासपुर, एवं सरगुजा के प्रकरणों में जांच प्रतिवेदन एक माह में शासन को भेजने कहा। संभाग में आयोग के लंबित प्रकरणों को लोक आयोग के निर्देशानुसार संबंधितों के खिलाफ समयावधि में विभागीय कार्रवाई करने कहा है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेंगे 690 करोड़ : अपर मुख्य सचिव वन सीके खेतान ने मंत्रालय महानदी भवन में प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बैठक में कहा कि किसी भी स्थिति में संग्रहण के लिए पारिश्रमिक भुगतान के लिए राशि की कमी न हो सभी संग्राहक परिवारों को समय अवधि के भीतर भुगतान किया जाए। पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि पारिश्रमिक भुगतान के लिए लगभग 690 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी, जिसमें से प्रथम चरण में 75 करोड़ रूपये सभी जिला यूनियनों में हस्तांतरित कर दी गई है। खेतान ने बीजापुर, कवर्धा और कांकेर में संग्रहण की कमजोर स्थिति के मद्देनजर वहां के कलेक्टरों से दूरभाष से चर्चा कर उनके जिलों में संग्रहण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2019 में कुल संग्रहण लक्ष्य 16.75 लाख मानक बोरा है, जिसमें से लगभग 9.75 लाख मानक बोरा अग्रिम निविदा से निर्वर्तित हो गये हैं तथा लगभग 6.95 लाख मानक बोरों का विभागीय संग्रहण किया जाना है। 6 मई तक लगभग 3 लाख मानक बोरा तेन्दूपता का संग्रहण हो चुका है।