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कुसुम लोहा फैक्ट्री हादसा: राहत और बचाव कार्य जारी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम तैनात
panchayattantra24.-मुंगेली। जिले के रामबोड़ गांव स्थित कुसुम लोहा फैक्ट्री में गुरुवार को हुए दर्दनाक हादसे का लाइव वीडियो सामने आया है। हादसा गुरुवार दोपहर 1 बजकर 6 मिनट पर हुआ, जिसके बाद फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गई। साइलो (भारी धातु संरचना) गिरने से मजदूर उसमें दब गए।
घटनास्थल का हाल और बचाव कार्य:
वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे मजदूरों को साइलो के नीचे से निकालने का प्रयास किया जा रहा है। आज, हादसे के दूसरे दिन भी बचाव कार्य जारी है। रायपुर और भिलाई से मंगाई गई तीन बड़ी क्रेनों की मदद से साइलो को हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
घटनास्थल पर जिला प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
अधिकारियों की निगरानी:
- कलेक्टर राहुल देव,
- पुलिस अधीक्षक भोजराज पटेल,
- जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पांडेय स्वयं मौके पर मौजूद रहकर अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
प्रशासन का कहना है कि साइलो के नीचे अभी भी 4-5 मजदूर दबे होने की आशंका है।
हादसे का कारण:
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि साइलो का बेस कमजोर हो चुका था, जिससे यह भारी संरचना गिर गई। हालांकि, हादसे के विस्तृत कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
मौके पर मौजूद संसाधन:
- एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमें।
- तीन भारी क्रेन मशीनें।
- प्राथमिक चिकित्सा और एंबुलेंस सेवाएं।
- जिला प्रशासन और पुलिस का सहयोग।
मजदूरों और उनके परिवारों की स्थिति:
हादसे के बाद मजदूरों के परिवारों में भारी आक्रोश और दुख का माहौल है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।
सरकार का बयान:
राज्य सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है और घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। प्रभावित मजदूरों और उनके परिवारों को उचित मुआवजा देने का भी आश्वासन दिया गया है।
कुसुम लोहा फैक्ट्री हादसा एक गंभीर त्रासदी है, जिसने सुरक्षा मानकों और मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमों से उम्मीद है कि वे जल्द से जल्द दबे हुए मजदूरों को बाहर निकालने में सफल होंगी। प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए।