छत्तीसगढ़ में 62 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से मिल रही हैं हितग्राहियों को स्वास्थ्य सुविधाएं
panchayattantra24.com-रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बेहद जागरूक हैं। खासतौर पर विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों के स्वास्थ्य को लेकर मुख्यमंत्री काफी संवेदनशील नजर आते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पीएम जनमन योजना के अंतर्गत आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में कुशल स्वास्थ्य अमले को तैनात करने के विशेष निर्देश दिए हैं ताकि पीवीटीजी परिवारों की स्वास्थ्य संबंधी समस्या को बेहतर तरीके से दूर किया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पीएम जनमन योजना अंतर्गत स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। ये शिविर हितग्राहियों के लिए योजनाओं के तहत तत्काल लाभ प्रदान करने और पीवीटीजी समूहों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर आयोजित हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री जनमन अभियान का उद्देश्य पीवीटीजी परिवारों को प्रमुख व्यक्तिगत अधिकारों का लाभ प्रदान करना है। योजना के तहत पीवीटीजी बस्तियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर जनजातीय समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जाता है। इस पहल में हर उस पीवीटीजी परिवार को शामिल किया जा रहा है जिनसे दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण संपर्क नहीं हो सका है। ऐसे परिवारों को उनके घर पर ही विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके लिए हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वनधन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जा रहा है।
जनमन अभियान के दौरान आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र, जन धन खाते और वन अधिकार अधिनियम के लाभार्थियों को पट्टे प्रदान किए जा रहे हैं, क्योंकि ये अन्य योजनाओं के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य में इस अभियान के तहत 62 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से हितग्राहियों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। पीएम जनमन योजना के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं में मुख्य रूप से सिकलसेल जांच, टीबी जांच, रक्तचाप जांच, डायबिटीज जांच , आंखों की जांच तथा महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में इस योजना के अंतर्गत विगत 9 माह में लगभग 1 लाख 80 हजार पीवीटीजी हितग्राहियों की सिकलसेल जांच, लगभग 2 लाख हितग्राहियों की टी.बी. जांच, लगभग 1 लाख 50 हजार हितग्राहियों की रक्तचाप जांच, लगभग 1 लाख 50 हजार हितग्राहियों की डायबिटीज जांच, लगभग 16 हजार हितग्राहियों की आंखों की जांच तथा लगभग 3 हजार गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जा चुकी है।