Saturday, 21 December 2024

सियोल । दक्षिण कोरिया के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2018 का सियोल शांति सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके लिए एक विशेष समारोह का आयोजन सियोल शांति सम्मान सांस्कृतिक फाउंडेशन ने किया जिसमें पीएम को सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी के योगदान को मान्यता देने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। पीएम मोदी ने सम्मान निधि के तौर पर मिले 1.20 करोड़ रुपए नमामी गंगे अभियान को दान कर दिए हैं।
सम्मान के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरा नहीं बल्कि भारत की जनता का सम्मान है। पिछले पांच सालों में जो सफलता मिली है वो 1.3 अरब लोगों की मेहनत का फल है। मैं खुद को सम्मानित मानता हूं क्योंकि यह सम्मान मुझे पूज्य महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर मिल रहा है।
पीएम मोदी दो दिनों के दक्षिण कोरिया दौरे पर हैं और आज उन्हें यह सम्मान दिया गया। दौरे के दूसरे दिन उन्होंने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से भी द्विपक्षीय वार्ता की।
इस दौरान पुलवामा हमले के खिलाफ भारत को दक्षिण कोरिया का समर्थन मिला। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं राष्ट्रपति मून जे इन को प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि उन्होंने पुलवामा हमले की निंदा करते हुए आतंक के खिलाफ हमारा साथ दिया है। दोनों देशों के बीच हुए आज के समझौते से आतंकरोधी कोशिशें तेज होंगी।
वहीं शुक्रवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर पहुंचे जहां उन्होंने कोरियाई युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। 1965 में बने इस शहीद स्मारक में कोरिया की आजादी के अलावा वियतनाम युद्ध और कोरियाई युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की समाधियां हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्रपति मून जे इन के आवास पर औपचारिक स्वागत हुआ। यहां दोनों के बीच मुलाकात भी हुई। प्रधानमंत्री की 2015 से अब तक यह दूसरा कोरिया दौरा है।
सियोल शांति सम्मान पर यह बोले पीएम
आज मिलने वाले इस सम्मान को पीएम मोदी ने ट्वीट कर पूरे भारत के लोगों का सम्मान बताया है।

इस्लामाबाद । पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। इस बीच, पाक पीएम इमरान खान ने भी भारत को खुली धमकी दी है। दरअसल, पुलवामा हमले के बाद इमरान पहली बार मीडिया के सामने आए थे और मंगलवार को बयान जारी किया था कि इस आतंकी साजिश में पाकिस्तान का हाथ नहीं है और वह आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत को तैयार है। हालांकि अब इमरान ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिख भारत को खुली धमकी दी है।
इमरान ने लिखा है - 'हमसे ना टकराना।' इस पोस्ट में इमरान खान के पीछे पाकिस्तानी झंडा नजर आ रहा है। साथ ही पुलवामा हमले के संबंध में जारी उनके वीडियो संदेश की कुछ बातें लिखी हैं। जैसे - 'यदि भारत सोचता है कि वो पाकिस्तान पर हमले करेगा तो जवाब देने में हम विचार भी नहीं करेंगे।' 'हम सब जानते हैं कि जंग शुरू करना आसान है, लेकिन उसे खत्म करना मुश्किल है।'
इससे पहले दी थी यह गीदड़ भभकी
- जंग छेड़ना आसान है, लेकिन उसे खत्म करना मुश्किल।
- भारत सुबूत दे, हम कार्रवाई करेंगे। बदले की कार्रवाई की तो जवाब देंगे।
- कश्मीर में इस तरह की घटना क्यों हो रही है। इस पर सोचने की जरूरत है।
- युद्ध करना आसान है लेकिन उसे खत्म करना इंसान के बस की बात नहीं है। एक बार युद्ध शुरू होने के बाद अल्लाह जानता है कि क्या अंजाम होगा।
- पाकिस्तान इस पूरे में क्षेत्र में स्थायित्व चाहता है। हम यह हमला क्यों कराएंगे। हमें इससे फायदा क्या होगा।
- भारत में अभी चुनाव होने वाले हैं और पाकिस्तान पर दोष लगाने से वोट मिल जाएंगे।
- हम आतंक पर बात करने के लिए तैयार हैं। आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को हुआ है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया था यह जवाब
- सुबूत मांगने की आदत पुरानी है। पठानकोट हमले और मुंबई हमले में तमाम सुबूत देने के बावजूद इन मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई है।
- आतंकी संगठनों से रिश्ता नहीं होने का पाक का दावा भी काफी पुराना है।
- हद तो यह कि इमरान ने पुलवामा में शहीद हुए सैन्यकर्मियों पर कुछ नहीं कहा।
- हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश एक मुहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर पाक में ही रहता है। यही उचित कार्रवाई के लिए पर्याप्त सुबूत है।
- जिस 'नए पाकिस्तान' का दावा किया जा रहा है उसमें कैबिनेट मंत्री हाफिज सईद जैसे आतंकी के साथ सार्वजनिक सभा करते हैं।
- वह आतंकवाद से पीड़ित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया जाती है कि पाक वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।
- इसलिए वह बरगलाने की कोशिश के बजाय आतंकियों के खिलाफ सख्त व विश्वसनीय कार्रवाई करे।

एम्स्टर्डम। बोइंग 747- 400 प्लेन एक अनोखी ही यात्रा पर जा रहा है, जिसे देखना दिलचस्प होगा। दरअसल, इस बार बोइंग विमान हवाई सफर की जगह, सड़क पर चलेगा। मंगलवार को 150 टन के प्लेन को एम्स्टर्डम एयरपोर्ट से कोरेंडन विलेज होटल के गार्डन तक ले जाया जाएगा। शिफोल से यह A9 हाईवे और एक प्रांतीय सड़क से गुजरते हुए अपने गंतव्य पर पहुंचेगा।
कभी इस विमान को 'सिटी ऑफ बैंकॉक' के रूप में जाना जाता था। बीते 30 सालों तक विश्वसनीय सेवा देने के बाद केएलएम का यह विमान अपने पंखों को आराम देगा। कोरेंडन के रंग में रंगने की तैयारी इसे रोम भेजा गया था और इसके बाद विमान रीसाइक्लिंग कंपनी एएलएस ने इसे सभ सेवा योग्य भागों को हटा दिया।
डच स्पेशलाइज्ड कंपनी मैमोएट सेल्फ प्रोपेल्ड ट्रेलर की मदद से इसे 5 फरवरी (रात 11 बजे से 7 बजे तक), 8 फरवरी (आधी रात से 4 बजे तक) और 9 फरवरी (आधी रात से 4 बजे तक) ट्रांसपोर्ट कर ले जाएगी। बोइंग की यात्रा का सबसे रोमांचक हिस्सा अंतिम चार घंटे का सफर होगा, जब यह A9 हाईवे से गुजरेगा। इस तरह सड़क पर इस हाईवे से गुजरने वाला यह पहला विमान बन जाएगा।
अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने के बाद, विमान को 'कोरेंडन बोइंग 747 एक्सपीरियंस' में बदल दिया जाएगा, जो 2019 के मध्य में अपने दरवाजे खोलेगा। यह कैसा होगा, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
बताते चलें कि कोरेंडन विलेज होटल सोनी के पूर्व मुख्यालय में पिछले साल खोला गया था। इसमें 680 से अधिक कमरे, सुइट्स और अपार्टमेंट्स हैं। यह बेनेलक्स (बेल्जियम का राजनीतिक-आर्थिक संघ, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग) का सबसे बड़ा होटल है।

इस वक्त देश के तमाम लोगों की निगाहें मोदी सरकार द्वारा आगामी 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट की ओर लगी हैं। मोदी सरकार की ओर से ऐसे संकेत मिले हैं कि इस अंतरिम बजट में सिर्फ चार माह के लिए लेखानुदान ही पेश नहीं किया जाएगा, वरन देश की कुछ आर्थिक-सामाजिक चुनौतियों के समाधान हेतु नीतिगत दिशाएं भी प्रस्तुत की जाएंगी। चूंकि यह चुनावी साल है, लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि अंतरिम बजट में आम आदमी, किसान, छोटे उद्यमियों व कारोबारियों, मध्यम वर्ग और लघु आयकरदाताओं के लिए राहत की घोषणाएं हो सकती हैं। इस बजट को लोक-लुभावन बनाए जाने की पूरी संभावनाएं हैं।
गौरतलब है कि अंतरिम बजट को लेकर ऐसी कोई कानूनी या संवैधानिक बाधा नहीं है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष करों में संशोधन करने का प्रस्ताव करने से रोके। अब तक अलग-अलग समय पर विभिन्न् केंद्र सरकारों द्वारा कुछ गैर-पारंपरिक अंतरिम बजट पेश हुए हैं। वर्ष 1962-63 में तत्कालीन केंद्रीय वित्तमंत्री मोरारजी देसाई ने अंतरिम बजट में नमक पर शुल्क हटाने के प्रस्ताव के साथ ही प्रशुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौता (गैट) के तहत कुछ वादों को जारी रखने का भी प्रस्ताव किया था। वर्ष 1977-78 में वित्तमंत्री एमएम पटेल ने अंतरिम बजट में कंपनियों को आयकर पर अधिभार के भुगतान के एवज में भारतीय औद्योगिक विकास बैंक में जमा करने के लिए सक्षम बनाने का प्रस्ताव किया था। 1980-81 में वित्तमंत्री आर. वेंकटरमन ने लद्दाख के निवासियों, गरीबी उन्मूलन से जुड़े करदाताओं, अनुसूचित जाति-जनजाति के हितों को बढ़ावा देने वाले निगमों या अन्य संस्थाओं को आयकर में छूट का प्रस्ताव किया था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004-05 में वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने अंतरिम बजट पेश था। उस समय राष्ट्रीय परिदृश्य पर आर्थिक सुधारों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की गतिशीलता दिखाई दे रही थी। जसवंत सिंह ने अंतरिम बजट में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों में नई रियायतों के प्रस्ताव रखे थे। खासतौर से कुछ तरह के सामान पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क लगाने का प्रस्ताव था। वर्ष 2014-15 में वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने जब अंतरिम बजट पेश किया था तो अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं थी। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे थे और राजकोषीय घाटा चिंताजनक स्थिति में था। ऐसे में अंतरिम बजट पेश करते हुए चिदंबरम ने जहां आर्थिक दिशाएं प्रस्तुत की, वहीं पूंजीगत उत्पादों समेत कई उत्पादों पर उत्पाद शुल्क घटा दिए थे। कई घरेलू उत्पादों के संरक्षण हेतु उत्पाद शुल्क की नई दरें भी घोषित कीं। यदि हम पिछले अंतरिम बजटों का तुलनात्मक अध्ययन करें तो पाते हैं कि वर्ष 2004-05 में जसवंत सिंह ने व 2014-15 में पी. चिदंबरम ने कराधान प्रस्ताव जोर-शोर से प्रस्तुत किए थे और साथ ही पूरे सालभर के लिए विभिन्न् वर्गों के लिए राहतकारी प्रावधान भी पेश किए थे।
मोदी सरकार का यह अंतरिम बजट मुख्यत: खेती और किसानों को संबल प्रदान करने वाला हो सकता है। सरकार इस बजट में नकद के रूप में राहत देने के लिए ऐसी योजना प्रस्तुत कर सकती है, जिसके तहत किसानों को सबसिडी देने के बजाय सीधे उनके खातों में नकद रकम ट्रांसफर की जाए। सरकार खेती-बाड़ी से जुड़ी तमाम तरह की सबसिडी को जोड़ने की एक उपयुक्त योजना प्रस्तुत कर सकती है। कृषि कर्ज का लक्ष्य भी 10 फीसदी बढ़ाकर करीब 12 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है।
देश में असमानता और बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही है और ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए यूनिवर्सल बेसिक इन्कम (यूबीआई) की जरूरत महसूस की जा रही है। पूर्व वित्तीय सलाहकार अरविन्द सुब्रह्मण्यम ने वर्ष 2016-17 के आर्थिक सर्वे में इस योजना की सिफारिश की थी। अंतरिम बजट में इस आशय की घोषणा होने की भी उम्मीद है। छोटे आयकरदाता नौकरीपेशा वर्ग के साथ-साथ मध्यम वर्ग के लोग भी चाहते हैं कि उन्हें आयकर राहत मिले, ऐसे में सरकार द्वारा अंतरिम बजट में आयकर छूट की सीमा को उपयुक्त रूप से बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा 2.50 लाख रुपए है तथा 40 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन सुनिश्चित है। आयकर की छूट की सीमा को दोगुना करके पांच लाख रुपए तक किया जा सकता है। इसके साथ ही आयकर की विभिन्न् स्लैबों के तहत भी राहत दी जा सकती है। अभी ढाई लाख से पांच लाख रुपए की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगता है। वहीं 5 से 10 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत तथा 10 लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगता है। अब पांच से 10 लाख रुपए तक की आमदनी पर कर की दर घटाकर 10 प्रतिशत और 10 से 20 लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत तथा 20 लाख रुपए से अधिक की आय पर 25 प्रतिशत आयकर लगाया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिक एवं महिला वर्ग के लिए आयकर में छूट की सीमा भी बढ़ाई जा सकती है। इसके साथ ही बचत को प्रोत्साहन देने के लिए धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा बढ़ाकर 2.50 लाख रुपए की जा सकती है। चिकित्सा खर्च और परिवहन भत्ते पर भी आयकर छूट मिल सकती है। आगामी बजट में छोटी-बड़ी हर प्रकार की कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर की दर घटाकर 25 फीसदी रखी जा सकती है। इससे कारोबार का विस्तार होगा और कर संग्रह भी बढ़ेगा।
अंतरिम बजट में रीयल एस्टेट सेक्टर को भी प्रोत्साहन दिखाई दे सकता है। यदि इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा मिलता है तो इससे जुड़े अन्य उद्योगों को भी तेजी मिलेगी। इससे कम दर पर फंडिंग हासिल करने में भी मदद मिलेगी। डिजिटल ट्रांजेक्शन करने पर टैक्स में छूट दी जा सकती है।
इस अंतरिम बजट में स्टार्टअप्स के लिए एंजेल टैक्स खत्म करने और ई-केवाईसी में ढील की स्थिति दिखाई दे सकती है। एंजेल टैक्स के कारण स्टार्टअप्स में निवेश बाधित हो रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, छोटे उद्योग-कारोबार और कौशल विकास जैसे विभिन्न् आवश्यक क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी की जा सकती है। निर्यातकों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर विशेष इंसेंटिव दिया जा सकता है। सालाना पांच करोड़ रुपए तक बिजनेस वाली कंपनियों को कर्ज पर ब्याज में 2 फीसदी तक छूट देने का प्रोत्साहन सुनिश्चित किया जा सकता है। हम आशा करें कि अंतरिम बजट में सरकार एक ओर विभिन्न् वर्गों की आर्थिक अपेक्षाओं के मुताबिक उपयुक्त रियायतें एवं प्रोत्साहन देते हुए दिखाई देगी, वहीं दूसरी ओर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के ऐसे कदम उठाती हुई भी दिखेगी, जिससे वर्ष 2019 के अंत तक भारत वैश्विक अध्ययन रिपोर्ट्स में जताए गए अनुमानों के मुताबिक दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन जाए।

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