Friday, 20 September 2024

रायपुर । प्रदेश मुखिया भूपेश बघेल आज सुबह 10.30 बजे मुख्यमंत्री निवास पर कैबिनेट की अहम बैठक लेंगे । बैठक में सीएम भूपेश की अध्यक्षता में कई अहम विषयों पर चर्चा होगी ।
बता दें विधानसत्र के पहले यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। बताया जा रहा है इसमें कुछ अहम फैसले होंगे जिसका सदन के दौरान ऐलान किया जाएगा । वैसे तो कैबिनेट बैठक विधानसभा में होनी थी, लेकिन आज छुट्टी की वजह से कैबिनेट CM हाउस में हो रही है।
गौरतलब है पिछले हफ्ते में भूपेश में की यह चौंथी कैबिनेट बैठक है और हर बैठक में प्रदेश सरकार ने कई अहम फैसले भी लिए हैं इस लिहाज से इस बैठक को भी अहम माना जा रहा है। किसानों और आदिवासी क्षेत्रों के साथ साथ कुछ विधेयकों को लेकर भी सरकार आज कैबिनेट में मुहर लगाएगी ।
कैबिनेट के बाद CM भूपेश बघेल दुर्ग और रायपुर में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में शामिल होंगे । मुख्यमंत्री रायपुर से दोपहर 12.30 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर एक बजे दुर्ग के धमधा नाका पहुंचेंगे और राजपूत क्षत्रिय महासभा के अधिवेशन में शामिल होंगे।

रायपुर । प्रदेश के 46 लाख बिजली उपभोक्ताओं की अब डबल चांदी होने वाली है। नए टैरिफ के साथ बिजली बिल हॉफ के प्रदेश सरकार के फैसले के कारण 400 यूनिट की खपत पर हर उपभोक्ता को अप्रैल से हर माह 1024 रुपए की बचत होने वाली है। मार्च में यह बचत 960 रुपए होगी। कम खपत करने वालों को कम बचत होगी।
प्रदेश की नई कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणापत्र में बिजली बिल हॉफ करने का वादा किया था। इसे पूरा करते हुए एक मार्च से बिजली बिल हॉफ करने का ऐलान किया गया है। अब अप्रैल में मार्च का जो बिल आएगा, उसमें बिजली बिल 400 यूनिट तक हॉफ हो जाएगा।
इससे ज्यादा की खपत पर 400 यूनिट के बाद के यूनिटों का बिल वर्तमान टैरिफ से लगेगा। इधर पावर कंपनी की याचिका को अमान्य करते हुए बिजली नियामक आयोग ने नए टैरिफ में कमी कर दी है। इसका भी लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
यह है फायदे का गणित
बिजली बिल हॉफ में मार्च माह का जो गणित है, उसमें 400 यूनिट का बिल टैरिफ और करों को मिलाकर 1920 रुपए होता है। ऐसे में इस माह 960 रुपए की बचत होगी। लेकिन अगले माह से नए टैरिफ के कारण यह बचत बढ़ जाएगी। सरकार ने बिजली बिल हॉफ करने का ऐलान किया है, ऐसे में पावर कंपनी टैरिफ के साथ करों को भी आधा कर रही है। टैरिफ के अलावा ऊर्जा प्रभार पर 8 फीसदी कर लगता है।
इसके अलावा प्रति यूनिट शेष कर एक पैसे और वीसीए चार पैसा है। इन तीनो को मिलाकर वर्तमान टैरिफ के हिसाब से मार्च में 104 रुपए होते हैं। इसमें से आधा 52 रुपए कम होंगे। इसी तरह से टैरिफ के 1816 में से 908 रुपए कम होंगे। नए टैरिफ में ऊर्जा प्रभार में भी बदलाव हुआ है। ऐसे में अप्रैल से यह 43 रुपए हो जाएगा। 56 रुपए वीसीए और शेष कर के होंगे।
कुल मिलाकर अप्रैल से तीनों करों को मिलाकर 96 रुपए होंगे। नए टैरिफ में चार सौ यूनिट का बिल 1680 रुपए होगा। अगर पूरा बिल और करों को मिलाया जाए तो 400 यूनिट का बिल 1776 होता है। इसका आधा ही लगेगा यानी 888 रुपए। नए टैरिफ में 400 यूनिट पर 136 रुपए की बचत अलग से होगी। कुल मिलाकर यह बचत 1024 हो जाएगी।

रायपुर  । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्काईवॉक निर्माण कार्य तत्काल रोकने के निर्देश दिए हैं।  तकनीकी विशेषज्ञों, आमजनों और व्यापारियों से सुझाव लेने के बाद ही स्काईवॉक के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा लोक निर्माण एवं गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज विधानसभा के समिति कक्ष में विधायकों और अधिकारियों से सुझाव मांगे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है और इसके संबंध में जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा में अनेक बार प्रश्न उठाए हैं तथा ध्यानाकर्षण आदि के माध्यम से भी अपने विचार व्यक्त किए हैं। इस संबंध में अलग-अलग विचार प्राप्त हुए हैं। स्काईवॉक ब्रिज के संबंध में अनेक आशंकाएं व्यक्त की गई हैं, जिनका समाधान किया जाना जरूरी है।
विचार-विमर्श के पहले लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता ने बताया कि वर्ष 2016-17 में स्काईवॉक ब्रिज के संबंध में सर्वेक्षण कराया गया था तथा इसके कंसलटेंट एस.एन. भोबे एसोसिएट्स मुम्बई ने अपने रिपोर्ट में बताया गया था कि शास्त्री चौक में प्रतिदिन 27 हजार यात्री और मेकाहारा चौक पर 14 हजार पैदल यात्रियों का आना-जाना होता है। इसके आधार पर स्काईवॉक निर्माण की निविदा वर्ष 2016-17 में आमंत्रित की गई। निविदा में मेसर्स जी.एस.एक्सप्रेस लखनऊ को 42.55 करोड़ स्वीकृत किया गया। यह निर्माण आठ माह में पूरा किया जाना था। इसकी कुल लम्बाई रोटरी सहित 1470 मीटर है तथा इसमें 10 स्थानों पर सीढ़ी, आठ जगह एस्केलेटर और दो जगह लिफ्ट का प्रावधान किया गया। बाद में इसकी पुनरीक्षित लागत राशि बढ़कर 77 करोड़ हो गई। वर्तमान में इसका लगभग 60 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है।
बैठक में विचार-विमर्श के दौरान अनेक सदस्यों ने कहा कि स्काईवॉक निर्माण जैसे महत्वपूर्ण निर्णय के पहले जनप्रतिनिधियों या नागरिकों से जो सुझाव लिया जाना था, वह नहीं लिया गया। उन्होंने शंका जाहिर की धूल आदि के कारण एस्केलेटर का संचालन सही तरीके से नहीं हो सकेगा या बार-बार बंद होगा। स्काईवॉक के शास्त्री चौक के रोटरी के ठीक नीचे रेड लाइट सिग्नल होने के कारण गाड़ियां खड़ी होंगी और इससे नागरिकों एवं वीआईपी सुरक्षा पर खतरे की संभावना है। यह भी आशंका व्यक्त की गयी कि रात्रि के समय यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो सकता है।
सदस्यों ने कहा कि रायपुर शहर के हीरापुर में दो फुट ओव्हर ब्रिज एवं कबीरनगर में एक फुट ओव्हर ब्रिज पहले से बना है, लेकिन दिन भर में मुश्किल से दर्जन लोग उसका उपयोग करते हैं। यह भी कहा कि शास्त्री चौक में 27 हजार पैदल नागरिकों के आवागमन का आंकड़ा अतिरंजित लग रहा है। इसी तरह तहसील कार्यालय के भीतर सीढ़ियां बना दी गई है, जिससे कार्यालय के जरूरी रिकार्ड एवं सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। यह भी कहा गया कि छत्तीसगढ़ के गरम वातावरण में यात्रियों को ब्रिज के अंदर असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
यह भी बताया कि मुम्बई सहित बड़े शहरों में अब ओव्हरब्रिज उपयोगिता के अभाव में तोड़े जा रहे हैं। यह भी सुझाव दिया गया कि स्काईवॉक के पोलों आदि का उपयोग विज्ञापन बोर्ड आदि के रूप में किया जा सकता है। जनप्रतिनिधियों और विधायकों ने सुझाव दिया कि स्काईवॉक योजना में जनता का कीमती पैसा लगा है और किसी भी निर्णय लेने के पहले यह जरूरी है कि शहर के नागरिकों की राय एवं सुझाव लिया जाए ।
महापौर प्रमोद दुबे ने बताया कि स्काईवॉक बनने के पहले इस स्थान पर दो फ्लाई ओव्हर का प्रस्ताव था, जो महत्वपूर्ण चौराहों के साथ-साथ शहर के रेल्वे स्टेशन से लेकर टाटीबंध और तेलीबांधा आदि को जोड़ते थे। उन्होंने कहा कि स्काईवॉक के संबंध में तकनीकी परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है। पुलिस विभाग के अधिकारियों ने कहा कि रात्रि काल में स्काईवॉक की सुरक्षा को देखते हुए यहां आवागमन पर भी रोक लगानी पड़ेगी।
लोक निर्माण एवं गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि यह रायपुर शहर की महत्वपूर्ण योजना है और जैसा सुझाव यहां की जनता के अलावा जनप्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों और इंजीनियरों आदि से प्राप्त होगा, उस पर अमल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्कॉइवाक निर्माण में यातायात को परेशानी हो रही है। उन्होंने स्काईवॉक निर्माण के संबंध में विभागीय जांच कराने को कहा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में लालगंगा, पुराना बॉम्बे मार्केट, जयस्तंभ चौक जैसे क्षेत्रों के व्यापारियों की राय लिया जाना उचित होगा, जिससे उनका जमा-जमाया व्यापार नहीं उजड़े। उन्होंने कहा कि निर्मित हो चुके स्ट्रक्चरों के वैकल्पिक उपयोगिताओं पर भी विचार-विमर्श लिया जाए और माननीय मंत्री, विधायक तथा संबंधित अधिकारी स्काईवॉक ब्रिज का व्यक्तिगत रूप से स्थल निरीक्षण करें। उन्होंने यह भी पूछा कि अगर आम जनता और विशेषज्ञ इसे जन-उपयोगी या औचित्यहीने मानते हैं, तो क्या इसे शहर एवं आम हित में तोड़ा जा सकता है ? या इसका अन्य वैकल्पिक उपयोग संभव है ?
बैठक में आम सहमति से निर्णय लिया गया कि स्कॉइवाक ब्रिज के संबंध में अंतिम निर्णय लिये जाने तक निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से रोका जाए तथा इसे बनाने, नहीं बनाने या तोड़े जाने या वैकल्पिक उपयोग के संबंध में निर्णय लेने के लिए आम जनता, बुद्धिजीवियों, व्यापारियों, तकनीकी विशेषज्ञों से राय एवं सुझाव प्राप्त किया जाए।
बैठक में रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे, रायपुर जिले के निर्वाचित विधायक सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, अनिता शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष शारदा वर्मा, अपर मुख्य सचिव (लोक निर्माण विभाग) अमिताभ जैन, कमिश्नर रायपुर संभाग जी.आर. चुरेन्द्र, कलेक्टर आर. बसवराजु, पुलिस महानिरीक्षक आनंद छाबड़ा, नगर निगम के अधिकारियों तथा विभागीय अधिकारियों प्रमुख अभियंता डी.के. अग्रवाल मौजूद थे.

रायपुर। आज आबकारी मंत्री कवासी लखमा रायपुर पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारी पार्टी ने लगातार संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जमीन से जुड़े एक नेता को सीएम बनाया है। मैं पार्टी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने एक गरीब आदिवासी को मंत्री बनाया। मंत्री ने कहा कि किसी भी आदिवासी के साथ अगर अन्याय होता है तो मैं उसका विरोध करुंगा।
केंद्र सरकार के नियमों के कारण आदिवासियों की जमीन छीन ली गई थी, जिसका हमने विरोध किया। जिसके बाद हमारी जीत हुई। हमारी सरकार हमेशा आदिवासियों के लिए खड़ी रहेगी। लखमा ने बताया कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भी हम सभी की सभी सीटें जीतेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार ने बस्तर के आदिवासियों के जमीन लौटाकर सराहनीय काम किया है।

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