
रायपुर । काले कारोबारियों के लिए राजधानी सबसे सुरक्षित जगह है, सट्टा-जुआ ,देहव्यापार के साथ हुक्काबार और नशीली दवाओं के सौदागरों खास पसंदीदा जगह रायपुर है। जहां वे राजनीतिक संरक्षण के चलते बड़े आराम के काम को अंजाम देते है। कल पकड़ाए आरोपी ने पुलिस को खुला चैलेंज किया है कि मेरे बड़े-बड़े नेताओं से संपर्क है, जमानत के छूटने के बाद मेरा कारोबार दोगुना तेजी से चलेगा, मेरा कोई कछ नहीं बिगाड़ सकता। आरोपियों को छुड़ाने के लिए कई छुटभैया कांग्रेसी नेता गोलबाजार थाने का चक्कार लगाते रहे लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और कानून व्यवस्ता का पालन करते हुए कारवाई की। जिससे नसे के कारबोरा से जुड़े कारोबारियों में हड़कप मच गया है।
राजधानी के सभी 70 वार्डो की स्लम बस्तियों और स्टेशन के आसपास में रूमाल में सिलोशन सूंघने वाला गिरोह सक्रिय है। स्टेशन के आसपास दर्जनों नाबालिग बच्चे नशीली दवाओं का खुलेआम सेवन करते है। ताजुब्ब की बात है कि इतने बड़े पैमाने में नशीली दवाओं की राजधानी में खपत होने के बाद भी प्रशासन को खभर नहीं। यदाकदा नशे के सौदागरों को पकडऩे पुलिस कामयाब तो हुई है लेकिन इस गिरोह के सरगना तक नहीं पहुंच पाई है। राजधानी सहित प्रदेश के अन्य शहरों में मेडिकल स्टोर्स में नशीली दवाओं की सप्लाई होने के बाद भी पुलिस प्रशासन एक दो कार्रवाई कर ठंडे पड़ जाती है। राजधानी में धड़ल्ले से नशीली टैबलेट, सिरफ आदि दवाइयों का कारोबार चल रहा है। शनिवार को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर गोलबाजार पुलिस ने दो स्थानों पर छापा मारकर नशीली दवाओं की बड़ी खेप बरामद की। मौके से दवा सप्लाई करने वाले चार कारोबारी पकड़े गए। बरामद दवाओं की कीमत सवा लाख रुपये बताई जा रही है। गिरफ्त में आया एक सप्लायर खुद को स्पेशल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो का अधिकारी बताकर लोगों पर धौंस जमाता था। उसके पास से फर्जी आइकार्ड भी मिला है।
एडिशनल एसपी सिटी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि गोलबाजार इलाके में नशीली दवाओं की सप्लाई की लगातार शिकायत मिल रही थी। सप्लायरों को रंगेहाथ दबोचने के लिए मुखबिरों को लगाया गया था। इसी दौरान शनिवार को सूचना के आधार पर फूल चौक में सहयोग पार्क, महावीर नगर निवासी अभिषेक वर्मा (44) को वाहन क्रमांक सीजी 05 एबी 2306 में चार कार्टून रखते हुए पकड़ा गया। कार्टून की तलाशी लेने पर उसमें कफ सिरफ की 576 बोतल मिला। प्रत्येक बोतल में सौ एमएल सिरफ है। इसमें कीमत 120 रुपये अंकित है। कुल 69 हजार 120 रुपये का प्रतिबंधित कफ सिरफ बरामद किया है। पुलिस ने मामले में आरोपित अभिषेक के खिलाफ अपराध कायम कर लिया है।
एक साल से कर रहा था सप्लाई
अभिषेक वर्मा पिछले एक साल से प्रतिबंधित दवाइयों की सप्लाई करता आ रहा है। अपने आप को स्पेशल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो का अधिकारी बताकर फर्जी आइकार्ड दिखाकर लोगों पर धौंस जमाता था।
500 बोतल कफ सिरफ बरामद
गोलबाजार पुलिस ने नयापारा स्थित आजम किराना स्टोर के पास शेख नासिर अहमद के मकान में पहुंची। वहां शेख नासिर अहमद (31), सैयद कादिर (33) तथा सैयद साजिद खान (20) को दवा सप्लाई करते हुए पकड़ा। शेख नासिर अहमद के कब्जे से एक कार्टून में 168 प्लास्टिक बोतल में कफ सिरफ, सैयद कादिर के पास से 168 बोतल तथा सैयद साजिद खान के पास से 164 बोतल कफ सिरफ मिली। कुल 500 नग सीलबंद प्लास्टिक बोतल में प्रत्येक में 100 एमएल सिरप है। प्रत्येक बोतल की कीमत 120 रुपये अंकित है। सभी बोतलों की कीमत 60 हजार रुपये बताई गई है। पुलिस ने तीनों सप्लायरों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ अपराध कायम कर लिया।
बिना पर्ची के कर रखा था डंप
प्रतिबंधित कफ सिरफ को डॉक्टर की पर्ची के बगैर नहीं रखा जा सकता, लेकिन इन्होंने डंप कर रखा था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि शहर की झुग्गी बस्तियों, बीएसयूपी कालोनी समेत अन्य स्थानों पर वे दवाओं को खपाते हैं। दवाओं के सप्लायर हर मोहल्ले में होते हैं जो मोटी कमीशन के लालच में दवाओं को बेचते हैं।