भाजपा सरकार करा सकती है बोरे बासी व्यापक घोटाले की जांच
एक ही दिन में 7 से 8 करोड़ का खाना किसे खिलाया गया और कैसे खिलाया जा सकता है?

panchayattantra24.-रायपुर । पूर्ववर्ती कांग्रेस के भूपेश सरकार में भ्रष्चाचार किस कदर चरम पर था यह उन आयोजनों और उसके पश्चात एजेंसियों को किए गए बेहिसाब भुगतानों से पता चलता है जो सरकार और उसके नुमाइन्दों द्वारा किए गए। ज्यादातर सरकारी आयोजनों की सारी व्यवस्था उन चंद गिनी-चूनी एजेंसियों से कराई जाती रही जो सरकार और उसके मुखिया का चेहरा चमकाने में कोई कसर-बाकी नहीं रखती थी। राजिम पुन्नी मेला हो, महिला सम्मान हो या फिर श्रमिक दिवस पर बोरे-बासी दिवस का आयोजन हो हर साल आयोजन की बागडोर उन्हीं एजेंसियों को सौंपी गई। जिसके लिए उन एजेंसियों ने जैसा चाहा वैसा बिल दिया और भुगातान भी लिया। रायपुर की मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस को तो बाकायदा सरकार का चेहरा चमकाने का पूर्णकालिक ठेका मिल गया हो, हर आयोजनों में इस एजेंसी को मंडप, सजावट, प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारियां दी जाती रही हैं। जिसका इस एजेंसी ने भरपूर फायदा उठाया है और बेहिसाब भुगतान हासिल किया है। बिना किसी पड़ताल के इस एजेंसी की करोड़ों के बिल आंख मूंदकर स्वीकृत किए और भुगतान भी किए। किसी न किसी बहाने से आयोजनों के टेंडर की प्रक्रिया न अपनाकर सूचीबद्ध एजेंसी के नाम पर व्यापक जैसी चंद एंजेसिंयो से ही सभी आयोजन कराते जाते रहे और सरकारी रकम की बंदरबाट की जाती रही। पूरे घोटाले के जांच के उपरांत तथ्य जो सामने आए किसी भी बड़े अधिकारी के बिना ही दोयम दर्जे के श्रेणी के अधिकारी द्वारा ही करोड़ों का वारा न्यारा बिना टेंडर के अपने चेहतों को दिया जा रहा।
भूपेश सरकार ने प्रति वर्ष 1 मई को मनाए जाने वाले श्रमिक दिवस के दिन बोरे-बासी दिवस मनाने की परंपरा शुरू की थी। इस दिन सरकार के मुखिया समेत तमाम मंत्री और नौकरशाह सभी छत्तीसगढ़ी खान-पान और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बोरे-बासी खाकर बाकायद सोशल मीडिया पर अपनी फोटो-वीडियो के साथ पोस्ट डाला करते थे। इस दौरान राजधानी के साइंस कालेज मैदान में एक आयोजन भी किया जाता था। इस आयोजन में सरकारी पैसे किस तरह पानी बहाया जाता था वह 2023 में हुए आयोजन के लिए मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस को किए भुगतान की राशि देखकर ही समझा जा सकता है। उस आयोजन के लिए एजेंसी को आठ करोड़ से ज्यादा के भुगतान के लिए प्रशासकीय स्वीकृति दी गई थी।
आरटीआई कार्यकर्ता आशीष सोनी ने सूचना के अधिकार के माध्यम से छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा उपलब्ध दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारमंडल रायपुर व्दरा प्रतिवर्ष 1 मई को स्रम दिवस के रूप में वृहद रूप से मनाया जाता है। यह भी अनिवार्य रूप से विभागीय अधिकारियों को ज्ञात है कि इस दिवस के उपलक्ष्य पर प्रतिवर्ष कार्यक्रम का आयोजित किया जाता है। एवं इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन एवं अन्य गणमान्य अतिथि शामिल होते है। इतना सब पहले से ज्ञात होने पर भी विभागीय अधिकारियों व्दारा व्यापक रूप से भ्रष्टाचार करने के लिए एवं शासकीय प्रक्रिया से बचने के लिए नए प्रकार का तरीका इजाद कर जानबूझकर नस्ती को कार्यक्रम की तिथि से कुछ दिन पहले प्रचलित किया जाता है एवं उसमें यह दर्शाया जाता है कि आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम की तिथि हेतु समय का अभाव होने के कारण निविदा आमंत्रित नहीं की जा सकती। अत:विभिन्न विभागों से निविदा दरें प्राप्त कर उनमें से अपनी चहेती फर्म /संस्था को कार्य आवंटित किया जाता है। सूचनी के अधिकार से प्राप्त दस्तावेज से ज्ञात हुआ है।
0 वर्ष 2022 में बगैर निविदा के 3 करोड़ का कार्य मेसर्स शुभन किराया भंडार से कराया गया।
0 वर्ष 2023 में बगैर निविदा के 8 करोड़ 32 लाख का कार्य मेसर्स व्य़ापक इंटरप्राइजेस से कराया गया।
0 वर्ष 2024 में भी यही प्रक्रिया अपनाई गई, उक्त कार्यक्रम कृषि महाविद्यालय रायपुर के हाल में आयोजित किय़ा गया। जिसमें श्रम अधिकारियों द्वारा सरकार को धोखे में रखा गया। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 1 मई श्रमिक दिवस के आयोजन में व्यापक भ्रष्टाचार करने के लिए करोड़ों रुपए के कार्य कराने की तैयारी बगैर निविदा के की जा रही है। इस प्रकार विभाग व्दारा बगैर निविदा के अल्पावधि का बहाना लेकर स्वयं का हित साधने शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाने की तैयारी है।