Friday, 20 September 2024

राज्यभर में चिटफंड कपनियों ने अवैध तरीके से कई वर्षों से फर्जीवाड़े का कारोबार कर पैसे दोगुना करने, जमीन और मकान देने समेत अन्य तरीका से डेढ़ दशक में करीब 1100 करोड़ रुपए की ठगी की और रकम समेट कर फरार हो गए, लेकिन उन्होंने राज्य में निवेश के पैसे से अर्जित संपत्ति इतनी कम छोड़ी है कि निवेशकों की रकम वापसी की राह कठिन हो गई है।
160 चिटफंड कंपनियों ने राज्य में सिर्फ 400 करोड़ रुपए की संपत्ति ही छोड़ी है। इनमें भी अधिकांश जमीनें और कमर्शियल भवनों में दफ्तर हैं। सभी संपत्तियाे को पुलिस ने जप्त किया है, लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इन्हें नीलाम करने में इतने पचड़े हैं कि सालों गुजर जाने पर भी नीलामी का रास्ता साफ नहीं हुआ। ऐसी दशा में निवेशकों के पैसे वापसी पर संकट खड़ा हो गया है।
दरअसल चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेशकों को लुभाने के लिए कई जगहों पर जमीन खरीदकर प्लाटिंग की गई। साथ ही दफ्तर खोलने बहुमंजिला अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदे। निवेशकों के पैसे समेट कर फरार होने के बाद सिर्फ जमीनें और फ्लैट ही पुलिस और प्रशासन के हाथ लगे हैं। इनकी कीमत भी ठगी की रकम की आधे से भी कम है। इन कंपनियों की संपत्ति नीलाम भी की जाती है तो निवेशकों की रकम वापसी के लिए 700 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी।
इतनी छोड़ गए संपत्ति
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक राजधानी समेत राज्यभर में चिटफंड कंपनियों के संचालक करीब 300 से 400 करोड़ रुपए की संपत्ति छोड़ गए हैं। इनमें सिर्फ रायुपर में करोड़ों रुपए की संपत्ति को नीलाम करने साल 2016 से प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक उनके नीलाम करने पर फैसला नहीं हो सका। इसी तरह बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी समेत राज्यभर में सैकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति का ब्योरा पुलिस के पास है।
लाखों ने अरबों किया निवेश
पुलिस मुख्यालय के मुताबिक राज्यभर मे 160 चिटफंड कंपनियां अवैध रुप से छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित रही थीं। इनमें करीब 2 लाख 70 हजार निवेशकों ने 11 अरब 5 करोड़ रुपए निवेश किया, लेकिन एक भी निवेशक को कंपनी की तरफ से पैसे वापस नहीं किए गए हैं।
कुछ मामले में कोर्ट से स्टे
जानकारी के मुताबिक अधिकांश चिटफंड कंपनियों की छत्तीसगढ़ के अलावा भी दूसरे राज्यों में संपत्ति है। उनका वहां की पुलिस ने जप्त किया है और कोर्ट में मामले लंबित हैं। ऐसी संपत्ति को नीलाम करना कठिन होता है। यही नहीं, दर्जनभर चिटफंड कंपनियों की संपत्ति पर हाईकोर्ट से रोक लगी हुई है। वहां से आदेश मिलने के बाद भी उनकी नीलामी की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।
चिटफंड कंपनी की इतनी संपत्ति
- निर्मल इंफ्रा होम कार्पारेशन लिमिटेड भोपाल का डगनिया में 35 लाख का मकान और खरोरा में .834 हेक्टेयर जमीन कीमत 25 लाख
- आरोग्य धनवर्षा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मंदिर हसौद के उमरिया गांव में 5 डिसमिल की कीमत करीब 6 लाख
- देव्यानी प्रापर्टी प्राइवेट लिमिटेड की अमलीडीह में 3 जगहों की .357 हेक्टेअर जमीन की कीमत करीब 18 करोड़
- बीएन गोल्ड रियल स्टेट एलाइड लिमिटेड की एमएम शॉपिंग माल में 244 स्क्वॉयर फीट व वार्ड 2 में 4326 स्क्वायर फीट जमीन
- गोल्ड की इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ओर डेसीड बेनीफिट फंड लिमिटेड की 11 करोड़ रुपए की प्रापर्टी
ब्योरा लिया है
चिटफंड कंपनियों की छोड़ी संपत्ति का ब्योरा इकट्ठा किया गया है। उसकी कीमतों का अध्ययन किया जा रहा है।
- हेमकृष्ण राठौर, आईजी, सीआईडी

छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को विश्व बैंक के साथ एक करार किया है। जिसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार विश्व बैंक से 25.2 मिलियन डॉलर यानि कि करीब 180 करोड़ रुपए कर्ज लेगी।
इस ऋण समझौते के तहत मिली राशि से छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के लिए एक एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली विकसित करेगी, साथ ही बेहतर सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के लिए एक प्लेटफार्म भी विकसित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट एंड अकॉउंटीबिलिटी प्रोग्राम के तहत छत्तीसगढ़ सरकार और विश्व बैंक के बीच यह समझौता हुआ है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित अत्याधुनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लाना है, जिसमें वर्तमान ट्रेजरी सॉफ्टवेयर के स्थान पर नए और आधुनिक आईएफएमआईएस (एकीकृत वित्तीय प्रबंधन और सूचना प्रणाली) प्रणाली स्थापित होगी एवं प्रशिक्षण के माध्यम से वित्त विभाग के अधिकारियों की क्षमता विकसित करके राजकोषीय सेल स्थापित किए जाएंगे।
यह कार्यक्रम पांच साल की अवधि के लिए है और इसमें भाग लेने वाले महत्वपूर्ण विभागों में वित्त विभाग और इसके संचालनालय कोष लेखा एवं पेंशन, राज्य शहरी विकास प्राधिकरण, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अलावा राज्य सरकार के अन्य राजस्व अर्जित करने वाले विभाग शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव (वित्त) अमिताभ जैन द्वारा कार्यक्रम की सुनयोजित रूपरेखा तैयार करने में उल्लेखनीय मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव वित्त, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सरकार की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि समीर कुमार खरे, अतिरिक्त सचिव भारत सरकार और हिशम अब्दो, विश्व बैंक के एक्टिंग कंट्री डायरेक्टर ने भारत सरकार और विश्व बैंक की ओर से हस्ताक्षर किए।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार में बने शौचालयों का अब सरकार वेरिफिकेशन कराएगी। पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि जहां भी शौचालय में गड़बड़ी की शिकायत मिली है, वहां कार्रवाई होगी। जहां से शिकायत नहीं आई है, वहां भी संबंधित अधिकारी वेरिफिकेशन करेंगे। परीक्षण के बाद निर्णय लिया जाएगा।
सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में रहने वाले पेंशनरों के लिए राज्य सरकार ने राहत भरा फैसला लिया है। बैंक की अनुपलब्धता की वजह होने पेंशनरों को कैश देने का फैसला लिया गया है। बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले में अब पेंशन की राशि कैश में भी दी जाएगी। इससे हर महीने उनके हाथ में पेंशन पहुंच जाएगी।
सिंहदेव ने बताया कि पंचायत विभाग के पेंडिंग काम की जानकारी मंगाई गई है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मनरेगा की मजदूरी का भी शत-प्रतिशत भुगतान किया जाए। हर महीने वरिष्ठ अधिकारी भुगतान का ब्यौरा देंगे। रोजगार नहीं मिलने पर पलायन की स्थिति को लेकर सिंहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार से साढ़े 5 सौ करोड़ की राशि जल्द से जल्द आ जाए, यही पलायन की बड़ी वजह बनती है। इसके मिलते ही मनरेगा मजदूरों का भुगतान कर दिया जाएगा।
तीन दिन चुनावी दौरे पर रहेंगे सिंहदेव
टीएस सिंहदेव बुधवार को ओडिशा के दौरे पर रहेंगे। वे प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि ओडिशा का प्रभारी बनाया गया है, इसलिए जिम्मेदारी बड़ी है। सात मार्च को दिल्ली में बैठक है और आठ मार्च को फिर ओडिशा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सभा है।

मरवाही । मंगलवार को सीएम भूपेश बघेल पूर्व सीएम अजीत जोगी के गढ़ मरवाही जा रहे हैं। मरवाही आगमन पर अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत करते हुए लिखा है.कि जनघोषणा पत्र और जनभावना के अनुरूप आज मरवाही-पेंड्रा-गौरेला पृथक ज़िला बनाने की घोषणा करने की कृपा करें। बता दें कि इसके पहले भी अजीत जोगी और उनके परिवार ने मरवाही-पेंड्रा-गौरेला को अलग जिला बनाने की मांग की थी। इसके साथ ही अमित जोगी ने एक पत्र भी ट्विटर पर शेयर किया गया है।

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