
रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा ने फिर गौरवशाली आयाम स्थापित किया है। बिलासपुर एयरपोर्ट के मसले को लेकर अशासकीय संकल्प पर सदन में सभी ने भाग लिया और सदन के नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चर्चा में भाग लेते हुए सदन में बिलासपुर एयरपोर्ट को लेकर घोषणा करते हुए 27 करोड़ दिए जाने की घोषणा की। बिलासपुर एयरपोर्ट को लेकर यह अशासकीय संकल्प धर्मजीत सिंह ने प्रस्तुत किया। उन्होने कहा-सदन केंद्र सरकार से अनुरोध करता है कि बिलासपुर में अविलंब हवाई सेवा शुरु की जाए. धर्मजीत सिंह ने कहा-बिलासपुर वह संभाग है जो देश के कोयला का पच्चीस प्रतिशत देता है, रेवेन्यू को लेकर भी आँकड़े प्रभावशाली हैं।प्रदेश की न्यायधानी है वहाँ हवाई सेवा चाहिए.. राज्य घरेलु सेवा भी शुरु करने जा रहा है, हर बार एयरपोर्ट को लेकर तमाम पेंच खड़े किए जाते हैं..यह नहीं होना चाहिए. चर्चा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय, तखतपुर विधायक श्रीमती रश्मि सिंह ने भी भाग लिया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा-सीएम साहब, नया जहाज़ ले रहे हैं,बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए भी राशि की घोषणा कर दीजिए, हम सहमति देते हैं. सदन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा-मैं केंद्रीय उड्डयन मंत्री से मिल कर आपकी माँग रख चुका हूँ.. इस मसले पर इस संकल्प का समर्थन करता हूँ..साथ ही एयरपोर्ट के उन्नयन.. टर्मिनल और रनवे के लिए 27 करोड़ की राशि सरकार देगी यह घोषणा करता हूँ. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने इस संकल्प के सर्वसम्मति से पारित होने की घोषणा की।
प्रदेश के 98 उद्योगों पर बकाया 10 लाख से अधिक का डायवर्सन टैक्स: जयसिंह अग्रवाल
भाजपा के सौरभ सिंह के उद्योगों पर बकाया डायवर्सन टैक्स और इसकी वसूली के लिए की जा रही कार्रवाई को लेकर मांगे गए जवाब में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सदन में बताया कि प्रदेश के 98 उद्योगों पर 10 लाख 43 हजार रुपए डायवर्सन टैक्स बकाया है। इन्हें नोटिस दिया जा चुका है। इनसे नियमानुसार वसूली की जाएगी। कई उद्योगों के एनपीए के कारण वसूली नहीं होने की जानकारी दी।
राजस्व मंत्री के जवाब को अजय चंद्राकर ने बताया गलत, की समिति से जांच करवाने की मांग
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धमतरी जिले में शासकीय कार्यों के लिए जमीन अधिग्रहण के लंबित प्रकरण का मामला भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने उठाया। उन्होंने कहा हर बार प्रश्न लगाने के दौरान ये बताया जाता है कि इस मामले में पेशी की तारीख तय है। हर बार सवाल लगाने के बाद ही ऐसा जवाब कैसे आता है। आखिर जमीन अधिग्रहण के प्रकरण कब से लंबित हैं? राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बताया साल 2017-18 से प्रकरण लंबित हैं। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि मंत्री का जवाब गलत है। जमीन अधिग्रहण के प्रकरण इससे पहले से लंबित है। मंत्री सदन में गलत जवाब दे रहे है। इसकी जांच प्रश्न एवं सन्दर्भ समिति से करा ली जाए? स्पीकर डॉ. चरण दास महंत ने प्रश्न एवं संदर्भ समिति से जांच कराए जाने की मंजूरी दी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में अंडे पर घिरी सरकार
छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल में विपक्ष के विधायकों ने स्कूलों में अंडे नहीं देने को लेकर सवाल किया। नेता प्रतिपक्ष रमलाल कौशिक ने पूछा कि पांच दिन तक सदन को अंडे के नाम पर गरम रखा गया, लेकिन आदिवासी जिलों में अंडे नहीं दिए जा रहे हैं। क्या वहां विरोध हो रहा है। आखिरी आदिवासी बच्चों को अंडा क्यों नहीं परोसा जा रहा है। मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि कहीं भी विरोध नहीं हो रहा है। हम स्कूलों में अंडे देंगे। स्कूलों में डीएमएफ और अन्य मद से अंडे दिए जा रहे हैं। कौशिक ने आपत्ति जताई और कहा कि रायपुर, बिलासपुर में अंडे पहुंचाए जा रहे हैं, जबकि ट्रांसपोर्ट में खर्चे के कारण सुकमा और अन्य जिलों में नहीं भेजा जा रहा है। विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने सोया मिल्क को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि बिना कोल्ड चेन बनाए कैसे सप्लाई की जा रही है। मंत्री ने जवाब दिया-सोया मिल्क सामान्य ताप पर 90 दिन तक ठीक रहता है। विधायक ने कहा कि दुर्ग जिले में बच्चे सोया मिल्क फेंक रहे हैं। इस पर अध्यक्ष डॉ महंत ने जांच का निर्देश दिया।
जहां व्याख्याता नहीं, वहां कैसे करा रहे पढ़ाई -व्याख्याताओं के रिक्त पदों का मामला उठा। शिवरतन शर्मा ने पूछा कि जहां व्याख्याता नहीं, वहां पढ़ाई कैसे हो रही है? मंत्री प्रेमसाय ने कहा कि रिक्त पद पिछली सरकार के समय से हैं। हमारी सरकार ने 15 हजार पदों की भर्ती निकाली है। पहली ऐसी सरकार है, जो नियमित भर्ती कर रही है। जहां पद रिक्त हैं, वहां अतिथि शिक्षकों के जरिये पढ़ाई कराई जा रही है। शिवरतन शर्मा ने पूछा कि कितने शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर है? मंत्री ने इसका जवाब निरंक दिया है। मंत्री ने कहा कि कहीं कोई प्रतिनियुक्ति नहीं है। शिवरतन शर्मा ने कहा कि मैं नाम दूंगा आप जांच कराएंगे। अध्यक्ष डॉ महंत ने मंत्री से कहा कि जांच करा ली जाए।
संसदीय कार्य मंत्री ने सदन में की पीएचई इंजीनियर को निलंबित करने की घोषणा
छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पांचवे दिन कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय ने ध्यानाकर्षण के जरिए बिलासपुर में पेयजल सप्लाई का मामला उठाया। इसे गंभीरता से लेते हुए संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन में ही पीएचई के इंजीनियर संजीव ब्राम्हपुरिया को निलंबित करने की घोषणा की। विधायक शैलेष पांडेय ने मामला उठाते हुए कहा कि सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हो गई है, लेकिन अब तक शहर को साफ पानी नहीं मिल रहा, बल्कि सीवरेज का पानी पेयजल को दूषित कर रहा है। शहर के लोग बीमार हो रहे हैं। इस पर मंत्री रविंद्र चौबे ने इंजीनियर को निलंबित किए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि सदस्य ने जो सवाल किया यह बेहद गंभीर है। पूरे मामले की जांच ईएनसी से कराई जाएगी, जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी।
