Wednesday, 05 February 2025

  • पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे प्रणब मुखर्जी को आज भारत रत्न से नवाजा जाएगा. राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें ये सम्मान दिया जाएगा. इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन की ओर से तीन लोगों को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था, जिनमें प्रणब मुखर्जी का भी नाम शामिल था. बता दें कि 2017 में राष्ट्रपति पद से रिटायर हुए प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का फैसला चौंकाने वाला रहा. दरअसल, प्रणब मुखर्जी की गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से होती रही है, जो अपने पूरे राजनीतिक जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के खिलाफ लड़ते रहे. हालांकि, प्रणब मुखर्जी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध रहे हैं 
  • भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जो सामाजिक जीवन में सर्वोच्च योगदान के लिए दिया जाता है. भारत सरकार ने इस साल प्रणब मुखर्जी के अलावा नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को भारत रत्न देने का ऐलान किया था. नानाजी देशमुख भारतीय जनसंघ के विचारक और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं, तो वहीं भूपेन हजारिका प्रसिद्ध असमिया कवि और संगीतकार थे. नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत मिलेगा. गौरतलब है कि भारत रत्न सम्मान आखिरी बार 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को दिया गया था. अभी तक 45 हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है और 25 जनवरी 2019 की घोषणा के बाद यह संख्या 48 हो गई l

रायपुर –  पत्रकारिता जगत में असामाजिक तत्वों के प्रवेश से चिंतित केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा समाचार पत्रों के पंजीकरण, समाचार पत्र/पत्रिका व टीवी चैनल तथा न्यूज एजेंसी द्वारा जारी प्रेस कार्ड के लिए नियमावली तैयार की जा रही है तथा मौजूदा नियमावाली में संशोधन किए जाने पर गंभीरता से मंथन चल रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार देशभर में बढ़ रहे अखबारी आंकड़े और पत्रकारों की बढ़ रही संख्यां से पाठकों की जागरूकता में वृद्धि हुई है। वहीं कुछ ऐसे चेहरों ने भी पत्रकारिता जगत में दस्तक दे दी है, जिसके कारण पत्रकारिता पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए है।

पत्रकारिता क्षेत्र में होगी शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य

बता दें कि समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के बाद प्रकाशक व संपादक एक-दो अंक प्रकाशित कर अनगिनत लोगों को प्रेस कार्ड जारी कर देते है, जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं होता। ऐसे चेहरों की बदौलत पत्रकारिता पर जरूर उंगलियां उठती है।

हर गावं शहर मे कुछ तथाकथित पत्रकार या समाचार पत्र मालिको ने कुछ लोगो को पैसे लेकर प्रेस कार्ड जारी कर रखे है जो पुलिस एवं टोलटेक्स नाको पर धोंस जमाते हैं. एेसे तथाकथित पत्रकारो से असली पत्रकार भी परेशान हो रहे है।

पुलिस, प्रशासन एवं टोलटेक्स नाके वाले असली नकली मे फर्क नही कर पाते है। अब इस नियम के लागू होने पर तथाकथित फर्जी पत्रकारो से पुलिस प्रशासन पुछताछ कर उन सरगनाओ तक पहुचं सकेगी जिन्होने पैसे लेकर प्रेसकार्ड जारी कर रखे हैं।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय समाचार पत्र, पत्रिका के पंजीकरण के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता पत्रकारिता में डिग्री की शर्त को अनिवार्य करने जा रहा है।

समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद कर सकती है केंद्र सरकार

दैनिक समाचार पत्रों, न्यूज एजेंसियों व टीवी चैनल के रिपोर्टर के लिए संबंधित जिला मैजिस्ट्रेट की स्वीकृति उसकी पुलिस वैरीफिकेशन होने उपरांत जिला सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रेस कार्ड तथा प्रैस स्टीकर जारी किए जाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अन्य समाचार पत्र, पत्रिकाओं के प्रकाशक व संपादक का प्रैस कार्ड सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा। सरकारी तंत्र द्वारा जारी प्रेस कार्ड व प्रेस स्टीकर ही मान्य होंगे।

केंद्र सरकार द्वारा उन समाचार पत्र व पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद किया जा सकता है जिन्होंने पिछले तीन वर्ष से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं करवाई।

प्रेस कार्ड बेचने वालों पर दर्ज होगा अपराधिक मामला

चर्चा तो यह भी है कि किसी भी क्षेत्र से अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने वाला दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसीज को प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए जिला मैजिस्ट्रेट को आवेदन करना होगा, जो जिला सूचना व संपर्क अधिकारी की तस्दीक उपरांत स्वीकृति प्रदान करेंगे।

जिला सूचना व संपर्क अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दर्शाएंगे कि अमूक दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसीज को इस क्षेत्र से प्रतिनिधि की जरूरत है।

संशोधित नियमावाली के चलते प्रैस कार्ड की खरीद-फरोख्त तथा प्रेस लिखे वाहनों पर सरकारी तंत्र की नजर रहेगी। तथ्य पाए जाने उपरांत अपराधिक मामला कार्ड धारक, कार्ड जारी करने वाले हस्ताक्षर तथा प्रैस लिखे वाहन के मालिक पर दर्ज होगा। जाहिर है केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की इस संभावित योजना पर अमल होने से पत्रकारिता का मानचित्र बदल जाएगा।

क्या कहती है पुलिस?

हम खुद प्रेस कार्ड वालो से परेशान है कैसे पता किया जाये की कौन सही पत्रकार है और कौन फर्जी इसके लिये जैसे ही आदेश आते है प्रेस लिखे सभी वाहनों की जाँच की जायेगी और जो भी सूचना जनसम्पर्क विभाग की लिस्ट मै नही होगा उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा

   K.W.N.S _ अब 50+की पीढ़ी को बहुत समझदार होने की जरूरत है। इस तरह के केस हर दूसरे घर की कहानी हो गई है।

*एक ऐसा ही सच्चा किस्सा आप को बताता हूं क्रपया पढें व अन्य बुजुर्गों को अवश्य भेजें*

मेरे एक दोस्त के माता-पिता बहुत ही शान्त स्वभाव के थे मेरा मित्र उनकी इकलौती संतान था उसकी शादी हो चुकी थी। व उसके दो बच्चे थे। अचानक मां का देहांत हो जाता है। एक दिन मेरा मित्र अंकल को कहता है कि पापा आप गैरेज में शिफ्ट हो जाओ क्योंकि आपकी वजह से आपकी बहू को परेशानी होती है। माताजी के गुजरने के बाद घर के सारे काम उसे करने पड़ते हैं। और आपके सामने उसे साड़ी पहन कर कार्य करने में परेशानी होती है। अंकल बिना कोई बात किये गैरेज में शिफ्ट हो जाते हैं। करीब पन्द्रह दिन बाद बेटे को बुलाकर दस दिन का उसके पूरे परिवार के लिए विदेश ट्रिप का पास देते हैं और कहते हैं कि जा बेटा सभी को घुमा ला सभी का मन हल्का हो जाएगा। पुत्र के जाने के बाद अंकल ने अपना छः करोड़ का मकान तुरंत तीन करोड़ में बेच दिया। अपने लिए एक अपार्टमेंट में अच्छा फ्लैट लिया। तथा बेटे का सारा सामान एक दूसरा फ्लैट किराये पर ले कर उसमें शिफ्ट कर दिया। जब बेटा घूम कर वापस आया तो घर पर एक दरबान बैठा था उसने बेटे को बताया कि यह मकान तो बिक चुका है। जब बेटे ने पिता को फोन लगाया तो वह बन्द आ रहा था। उसे परेशानी में देख गार्ड बोला क्या पुराने मालिक को फोन कर रहे हो। उसके हां कहने पर वह बोला भाई उन्होंने अपना नंबर बदल लिया है आपके आने पर आपसे बात कराने की बोल कर गये थे। और गार्ड ने अपने फोन से नंबर लगा कर मेरे मित्र की अंकल से बात कराई फोन पर अंकल ने उसे वहीं रुकने के लिए कहा। थोड़ी देर में वहां एक कार आकर रुकी उसमें से अंकल नीचे उतरे उन्होंने मेरे मित्र को उसके किराये वाले फ्लैट की चाबी देते हुए कहा कि यह रही तेरे फ्लैट की चाबी एक साल का किराया मैंने दे दिया है अब तेरी मर्जी हो वैसे अपनी पत्नी को रख। और यह कह कर अंकल जी वहां से चले गए। और मेरा मित्र देखता रह गया। *यह एक नितांत सत्य जयपुर की ही घटना है* अतः अब बुजुर्गों को ऐसे नालायक बच्चों से साफ कह देना चाहिए कि हम तुम्हारे साथ नहीं रह रहे हैं तुम्हें हमारे साथ रहना है तो रहो अन्यथा अपना ठिकाना ढूंढ लो।

 
उदयपुर । गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर पिछले साल तैयार हुई दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू और यूनिटी के बाद अब राजस्थान में इस साल दुनिया की सबसे ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा तैयार की जा रही है। राजस्थान के नाथद्वारा में 351 फीट ऊंची शिव मूर्ति का निर्माण जारी है। पहले इस प्रतिमा के मार्च तक बनने की संभावना जताई गई थे लेकिन यह पूरी नहीं हो पाई और अब कहा जा रहा है कि अगस्त तक यह प्रतिमा बनकर तैयार हो जाएगी।
तैयार होने के बाद यह मूर्ति 20 किलोमीटर दूर से दिखाई देगी। यह प्रतिमा रात में भी दिखाई दे, इसके लिए अमेरिका से विशेष लाइट्स मंगवाई गई है। मिराज ग्रुप की ओर से उदयपुर से 50 किलोमीटर दूर जयपुर मार्ग पर नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर यह मूर्ति तैयार कराई जा रही है। गणेश टेकरी पर छह लाख 75 हजार वर्गफीट क्षेत्र में से 27 हजार वर्गफीट क्षेत्र में यह शिव मूर्ति बनाई जा रही है। एक लाख वर्गफीट क्षेत्र में हर्बल गार्डन तैयार कराया गया है।
बाकी क्षेत्र में पार्किंग एवं विभिन्न गार्डन तैयार कराए जा रहे हैं। इस मूर्ति का निर्माण पिलानी मूल के ख्यात मूर्तिकार नरेश वर्मा और उनके पिता मातूराम कर रहे हैं। दोनों इससे पहले विश्व की सबसे ऊंची हनुमान मूर्ति का निर्माण कर चुके हैं।
इसके मूर्तिकार नरेश वर्मा ने बताया कि मूर्ति के निर्माण में अमेरिका स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की तकनीकी अपनाई गई है, ताकि बड़े से बड़े भूकंप में भी नुकसान नहीं पहुंचे।
ध्यान करते शिव की है प्रतिमा
मूर्ति में भगवान शिव ध्यान और आराम की मुद्रा में हैं। 351 फीट ऊंची मूर्ति में पर्यटकों की सुविधा के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियों का प्रावधान किया गया है। पर्यटक 280 फीट की ऊंचाई तक जा सकेंगे। मूर्ति 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाईओवर से देखी जा सकेगी।
ऐसी है मूर्ति
- 351 फीट कुल ऊंचाई
- 70 फीट ऊंचा चेहरा
- 315 फीट ऊंचा शिवजी का त्रिशूल

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