स्थिति की गंभीरता
देश के ग्रामीण इलाकों में लगभग 60% सड़कों की स्थिति खराब है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनी कई सड़कों की समय पर मरम्मत नहीं की गई है, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ती जा रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।
ग्रामीणों की आवाज़
पिछले हफ्ते [गांव का नाम] के ग्रामीणों ने पंचायत कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए स्थानीय प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे सड़क जाम करने जैसे बड़े आंदोलन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि खराब सड़कों के कारण:
- दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है: बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है।
- कृषि कार्य में बाधा: फसलों और माल की ढुलाई में कठिनाई हो रही है।
- दुर्घटनाएं बढ़ी हैं: हाल ही में एक बाइक दुर्घटना में दो लोग घायल हो गए।
आंकड़े और सरकारी उदासीनता
राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी (NRRDA) के अनुसार, हर साल लगभग 10% ग्रामीण सड़कों की मरम्मत की आवश्यकता होती है, लेकिन बजट और योजना के अभाव में केवल 4% सड़कों की मरम्मत हो पाती है।
- 2023-24 का बजट: PMGSY के तहत 19,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, लेकिन इसमें से केवल 30% खर्च हुआ है।
- स्थानीय स्तर पर समस्याएं: ठेकेदारों और अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी के कारण मरम्मत कार्य अधर में लटके रहते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर बात करते हुए स्थानीय प्रशासन ने भरोसा दिया कि मरम्मत कार्य जल्द शुरू होगा। अधिकारियों ने कहा कि अगले महीने से प्राथमिकता के आधार पर सड़कों की मरम्मत की जाएगी।
ग्रामीणों की मांगें और सुझाव
ग्रामीणों ने सड़कों की मरम्मत के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
- पंचायत स्तर पर निगरानी समिति: ताकि मरम्मत कार्य समय पर और सही तरीके से हो।
- स्थायी समाधान: सड़कों को बेहतर गुणवत्ता की सामग्री से बनाया जाए।
- अतिरिक्त बजट: ग्रामीण सड़कों के रखरखाव के लिए अलग से फंड आवंटित किया जाए।
निष्कर्ष
गांवों की सड़कों की मरम्मत न केवल ग्रामीणों की मूलभूत जरूरत है, बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी आवश्यक है। सरकार को इस समस्या का शीघ्र समाधान निकालने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।