नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक्सप्रेसवे और हाइवे को जोड़ने वाला अवध क्रॉसिंग अब 'बुलेट ट्रेन' के लिए भी अहम साबित हो सकता है। सरकार की योजना है कि साल 2029 तक दिल्ली और वाराणसी के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बना दिया जाए। राज्यसभा में 11 फरवरी को रेल मंत्री ने ऐलान किया था कि जल्द ही एक सर्वे कराया जाएगा और दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडेर सहित 6 अन्य कॉरिडोर का रोडमैप तैयार किया जाएगा।
सरकारी अधइकारियों के मुताबिक दिल्ली से वाराणसी के बीच की दूरी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से मात्र चार घंटे में तय की जा सकेगी। इस कॉरिडोर में बुलेट ट्रेन 330 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन होंगे जिनमें से 12 उत्तर प्रदेश में होंगे और एक दिल्ली में बनाया जाएगा। दिल्ली का स्टेशन अंडर ग्राउंड होगा। दिल्ली से वाराणसी पहुंचने में ट्रेन मात्र 3 घंटे और 33 मिनट का समय लेगी। इसके अलावा वह कुछ स्टेशनों पर कुछ मिनट के लिए रुकेगी। अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए 15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक यह कॉरिडोर यमुना और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ बनाया जायेगा। इससे जंगलों और जानवरों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचेगा। अवध क्रॉसिंग रेलवे स्टेशन पर रोज लगभग 43 ट्रेनें पहुंचेंगे। यानी हर 22 मिनट में दिल्ली से वाराणसी के लिए एक हाई स्पीड ट्रेन होगी।
दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन से ट्रेन वाराणसी के लिए रवाना होगी। इसके बाद नॉएडा 146 मेट्रो स्टेशन, जेवर एयरपोर्ट, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही में इसका स्टॉप होगा। मंडुआडीव, वाराणसी इस कॉरिडोर का आखिरी स्टेशन होगा। लखनऊ में अवध क्रॉसिंग पर सिंगारनगर मेट्रो स्टेशन के लिए एक फुट ओवर ब्रिज दिया जाएगा। इसी तरह प्रयागराज में फाफामऊ रेलवे स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज बनाया जाएगा।
अभी की योजना के मुताबिक वाराणसी से हर 47 मिनट के अंदर पर 18 ट्रेनें चलेंगी। बता दें कि इस समय नैशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के लिए काम कर रहा है।