Monday, 23 December 2024

रायपुर । कभी छत्तीसगढ़ के सुपर सीएम कहे जाने वाले पूर्व इंडियन रिवेन्यू सर्विसेज (आईआरएस) अधिकारी अमन सिंह अब ईओडब्ल्यू जांच की जद में आ गए हैं। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले शिकायती पत्र के आधार पर यह जांच कराने का निर्णय लिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने आईजी ईओडब्ल्यू को इस जांच के बाबत आदेश जारी कर दिया है। अमन सिंह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के प्रमुख सचिव पद पर पदस्थ थे।
सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश में ईओडब्ल्यू से कहा गया है कि 16 जनवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्र, जिसमें शिकायतकर्ता विजया मिश्रा ने अमन सिंह के खिलाफ आरोप लगाया हैं, की जांच सुनिश्चित की जाए।
पत्र में कहा गया है कि पीएमओ में हुई शिकायतों के संबंध में अब तक कोई जांच नहीं कराई गई थी, इसलिये राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि शिकायत की जांच एसआइटी गठित कर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जाए। राज्य शासन ने ईओडब्ल्यू को निर्देशित किया है कि ब्यूरो द्वारा जांच कार्यवाही करते हुए राज्य शासन को अवगत कराया जाए।
यह है सिंह के खिलाफ शिकायत
गौरतलब है कि दिल्ली की द्वारका में रहने वाली विजया मिश्रा ने चार जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री कार्यालय में इमेल के जरिए सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में मिश्रा ने कहा है कि आईआरएस से वीआरएस लेने के बाद सिंह ने संविदा नियुक्ति के दौरान यह तथ्य छिपाया था कि उनके खिलाफ किसी भी तरह की जांच पेंडिंग नहीं है।
जबकि छत्तीसगढ़ में डेपुटेशन से पहले 2001-2002 में कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट में बंगलुरू में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में जांच की गई थी। भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद उन्हें सीबीआइ जांच से गुजरना पड़ा था। कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज के डीजी विजिलेंस ने सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत चार्जशीट जारी किया था।

रायपुर । भाजपा नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी ने कांग्रेस पर बदलापुर की राजनीति का आरोप लगाया है। इसको लेकर बुधवार को बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने धरना दिया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, सहित कई नेता धरने पर बैठे। इस मौके पर धरमलाल कौशिक ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस भाजपा के कार्यकर्ताओ को डराने का काम कर रही है। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अंतागढ़ टेप कांड में देर रात मूणत के खिलाफ FIR करने की ज़रूरत क्यों पड़ी।
कौशिक ने कहा कि कि कॉंग्रेस के खिलाफ ये लड़ाई सड़क से सदन तक चलेगी। वहीं मूणत ने कहा ऐसी कौनसी परिस्थिति बन गई कि एसआईटी के इंचार्ज को हटाना पड़ा। देर रात मेरे नाम से एफआईआर करानी पड़ी।  मूणत ने कहा कि यदि एसआईटी गठित करने ही है, तो भुपेश बघेल और पीएल पुनिया की जो सीडी जारी हुई थी, उसपर भी एसआईटी गठित की जाए।

रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले की रमन सरकार में नियुक्त किये गए चार निगम-आयोगों के अध्यक्षों के कैबिनेट मंत्री के दर्जे को वापस ले लिया है। जानकारी के मुताबिक जिन निगम-आयोगों के अध्यक्षों के मंत्री पद के दर्जे को वापस लिया गया है उनमें दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष रसिक परमार, मार्कफेड के अध्यक्ष राधाकृष्ण गुप्ता, बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रभा दुबे और मत्स्य महासंघ के अध्यक्ष रामकृष्ण धीवर का नाम शामिल है ।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने लोकसभा सीट जीताने की जिम्मेदारी अपने मंत्रियों को सौंप दी है। मंत्रियों के बीच जिलों का बंटवारा इस तरह से किया कि हर मंत्री को एक-एक लोकसभा सीट जिताने की जिम्मेदारी दी जा सके। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से कहा है कि वे लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपने-अपने लोकसभा सीटों पर तत्काल फोकस करना शुरू कर दें। राज्य में मुख्यमंत्री को छोड़कर 11 मंत्री हैं और इतनी ही लोकसभा की सीटें।
सरगुजा संभाग के पांच में से तीन जिलों का प्रभार मंत्री टीएस सिंहदेव को देकर सरगुजा लोकसभा सीट के लिए उनकी जिम्मेदारी तय की गई है। इसी संभाग से डॉ. प्रेमसाय सिंह भी मंत्री हैं। उन्हें भी एक लोकसभा सीट देनी थी, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें जांजगीर-चांपा जिले का प्रभारी बना दिया।
मंत्री ताम्रध्वज साहू दुर्ग लोकसभा सीट के सांसद थे। मंत्री बनने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दिया है। अब दुर्ग लोकसभा सीट साहू के हवाले कर दिया गया है। मंत्री मोहम्मद अकबर कवर्धा के साथ ही राजनांदगांव जिले का भी प्रभारी बनाकर राजनांदगांव लोकसभा सीट का जिम्मा दिया है।
दुर्ग संभाग से तीसरे मंत्री रविंद्र चौबे को बिलासपुर व मुंगेली जिले का प्रभारी बनाया, ताकि बिलासपुर लोकसभा सीट का दायित्व उन्हें दिया जा सके। दुर्ग संभाग के ही चौथे मंत्री गुरु स्र्द्र कुमार को भी रायपुर संभाग के जिलों का प्रभार देना पड़ा है। उन्हें रायपुर संभाग के तीन जिले महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी का प्रभारी बनाया है, जिसमें महासमुंद लोकसभा सीट भी है।
दुर्ग संभाग की पांचवीं मंत्री अनिला भेंड़िया हैं। उन्हें दुर्ग संभाग के एक जिले बालोद और बस्तर संभाग के एक जिले कांकेर का प्रभारी बनाया है। इन दो जिलों में एक कांकेर लोकसभा सीट है। कवासी लखमा बस्तर संभाग के पांच जिलों के साथ बस्तर लोकसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है।
मंत्री जयसिंह अग्रवाल कोरबा के विधायक हैं, इसलिए उन्हें कोरबा जिले का प्रभार देकर कोरबा लोकसभा सीट की भी जिम्मेदारी दे दी है। मंत्री उमेश पटेल रायगढ़ जिले के खरसिया विधानसभा सीट के विधायक हैं, तो उन्हें रायगढ़ लोकसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है। बघेल मंत्रिमंडल में रायपुर संभाग से डॉ. शिवकुमार डहरिया अकेले मंत्री हैं, इस कारण उन्हें रायपुर का प्रभारी बनाकर रायपुर लोकसभा सीट को संभालने के लिए कहा है।

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