Saturday, 15 March 2025

रायपुर । मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (मेकाहारा) में इलाज के लिए भर्ती कराई गई स्वाइन फ्लू की शिकार गर्भवती महिला की मौत हो गई. बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक के गांव बेलतरा की रहने वाली महिला को दो दिन पहले ही क्रिटिकल कंडीशन में दो दिन पहले भर्ती कराया गया था ।
मेकाहारा पीआरओ शुभ्रा ठाकुर ने बताया कि बेमेतरा जिला निवासी महिला रंजन धनकर पति ओम प्रकाश को निजी अस्पताल में उपचार और इलाज कराने के बाद परिजन वेंटिलेटर पर लेकर आए थे. जिसकी बुधवार शाम 6 बजे मौत हो गई ।

रायपुर । आबकारी आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह की अध्यक्षता में आज यहां आबकारी भवन में रायपुर और दुर्ग राजस्व संभागों के जिला आबकारी अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अवैध शराब के खिलाफ चल रहे छापामार अभियान की समीक्षा की गई। साथ ही दोनों संभागों की शराब दुकानों में शराब की कीमतों पर नियंत्रण रखने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
आबकारी आयुक्त डॉ. सिंह ने अधिकारियों से कहा कि शराब दुकानों में मूल्य सूची अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करवाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी स्थिति में ओवर रेट में शराब न बिके। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षों को हमेशा चालू रखें और उनमें मिलने वाली शिकायतों को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्रवाई की जाए। बैठक में आबकारी विभाग के विशेष सचिव श्री ए.पी. त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

रायपुर । जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया समन्वयक व प्रवक्ता संजीव अग्रवाल ने मीडिया के माध्यम से निजी स्कूलों पर यह आरोप लगाया है कि निजी स्कूलों के द्वारा बच्चों के अभिभावकों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है और तरह-तरह की फ़ीस ले कर लोगों को ठगा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में निजी स्कूल एडमिशन फ़ीस और ट्यूशन फ़ीस के नाम पर पैसे वसूल कर रहे हैं। इसके अलावा अभिभावकों को स्कूल के यूनिफार्म और कॉपी किताबों के लिए भी अलग से पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। ये निजी स्कूल सरकारी मानकों को ताक पर रखते हुए अपनी मनमानी कर, शिक्षा के नाम पर व्यापार कर रहे हैं।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि सरकार को इस विषय पर उचित करवाई करने की जरुरत है क्योंकि यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। निजी स्कूल, ब्रांड के नाम पर हजारों लाखों रुपए सालाना वसूल कर रहे हैं और अभिभावकों को भी मजबूरी में अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने के लिए भारी भरकम फ़ीस चुकानी पढ़ रही है। लेकिन जो अभिभावक इतनी मोटी रकम चुकाने की हालत में नहीं हैं क्या उनके बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सकता? इस विषय में सरकार को गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है। ये निजी स्कूल छत्तीसगढ़ में पिछले 15 सालों से भाजपा सरकार से मिली भगत करके ट्यूशन फ़ीस के नाम पर अभिभावकों से ₹30000 से ₹50000 तक वसूल कर रहे हैं।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि, अब प्रश्न यह उठता है कि स्कूल में किस प्रकार का ट्यूशन हो रहा है और अगर स्कूल में ट्यूशन नहीं लिया जा रहा है या फिर कोई अतिरिक्त पढ़ाई नहीं कराई जा रही है, तो किस बात की ट्यूशन फ़ीस वसूली जा रही है तथा स्कूल में अगर ट्यूशन दिया जाएगा तो स्कूल पैसा किस बात का ले रहा है क्योंकि स्कूल में तो बच्चे पढ़ने के लिए ही जाते हैं। ट्यूशन करने के लिए तो वे किसी ट्यूटर के पास जाते हैं जहां छात्रों को अतिरिक्त फ़ीस देनी होती है जो कि एक वैकल्पिक व्यवस्था है।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि इससे यह साफ होता है कि इन स्कूल के ऊपर सरकार का कोई अंकुश नहीं है और अगर सरकार ने इन पर अंकुश नहीं लगाया तो कई बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाएंगे और कई अभिभावक शिक्षा देने के लिए इन स्कूलों की जेब भरते रहेंगे। सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार को तो ऐसे काम करने चाहिए जिससे कि सरकारी स्कूलों में ही बेहतर से बेहतर शिक्षा बच्चों को दी जा सके ताकि इन निजी स्कूलों का महत्व अपने आप ही कम हो पाए।
संजीव अग्रवाल ने जापान देश का उदाहरण देते हुए समझाया है कि जापान में प्राथमिक शिक्षा के लिए भी यूपीएससी और पीएससी जैसी परीक्षाएँ देनी पड़ती हैं ताकि पढ़े-लिखे और योग्य शिक्षक ही बच्चों को स्कूल में शिक्षा दे पाएँ ताकि बच्चों की पढ़ाई की नींव मजबूत हो पाए। इसीलिए जापान में बच्चे बड़े होकर तरक्की करते हैं और इसी कारण जापान आज छोटा होने के बावजूद भी तकनीकी रूप से सबसे सक्षम देश है।
संजीव अग्रवाल छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री से अपील की है कि इस विषय पर सर्वाधिक ध्यान दें ताकि बच्चे अच्छी शिक्षा लिए पाएँ और छत्तीसगढ़ को एक बेहतर भविष्य दे पाएँ “क्योंकि पढ़ेगा इंडिया तभी बढ़ेगा इंडिया”

रायपुर । चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वालों को जल्द ही उनका पैसा वापस मिलेगा. डीआईजी एचआर मनहर के नेतृत्व में महाराष्ट्र गई चार सदस्यीय दल अध्ययन करने के बाद वापस लौट आया है. अध्ययन दल महाराष्ट्र सरकार के कानून एवं वहां अपनाई जा रही विधि एवं प्रक्रिया का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय के माध्यम से शासन को सौंपी है, जिस पर कार्यवाही जारी है ।
वित्तीय अनियमित कंपनियों के निक्षेपकों के धन वापसी की कार्यवाही भी छत्तीसगढ़ राज्य के निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम-2005, नियम-2015 के प्रावधानों के अनुसार गंभीरता पूर्वक की जा रही है. इसके तहत अब तक 03 प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा संबंधित अनियमित वित्तीय कंपनियों के संपत्ति की कुर्की के अंतिम आदेश जारी किये गये हैं.  25 प्रकरणों में जिला दण्डाधिकारी द्वारा संबंधित कंपनियों के संपत्ति की कुर्की के अंतःकालीन आदेश जारी ये गये हैं एवं 19 प्रकरणों में पुलिस अधीक्षक द्वारा अनयिमित वित्तीय कंपनियों के संपत्ति का ब्यौरा प्राप्त कर कुर्क आदेश जारी करने के प्रतिवेदन जिला दण्डाधिकारी को प्रेषित किये गये हैं. इस तरह कुल 50 प्रकरणों में संबंधित कंपनियों की परिसंपत्ति कुर्की कर निक्षेपकों के धन वापसी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है ।
आपको बता दें कि चिटफंड कंपनियों में निवेशकों का पैसा लौटाने के मामले में 5 फरवरी को  कैबिनेट की बैठक हुई थी जिसमें एडीजी के नेतृत्व में 4 सदस्यीय दल को महाराष्ट्र भेजने का निर्णय लिया गया था. दल द्वारा महाराष्ट्र में चिटफंड कंपनियों द्वारा ठगी के शिकार बनाए गए लोगों का पैसा किस तरह से लौटाया जा रहा है उसके अध्ययन के लिए भेजा गया था ।

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