Friday, 20 September 2024

 
 बिलासपुर । बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की बिलासपुर पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. इस शख्स पर ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप है. कोतवाली पुलिस ने इस अंतर्राज्यीय ठग को हरियाणा गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इस ठग ने शहर के एक मेडिकल काम्प्लेक्स के पास अपना व्यवसाय चलाने वाले बब्बू सिंह कॉन्ट्रेक्टर को लाखों का चूना लगाया है. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से मामले की शिकायत की थी. मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की. इस शातिर ठग को पकड़ने पुलिस ने एक जाल बिछाया, जिसमें वो खुद फंस गया । 
इस बीच जब भी बब्बू सिंह अवध किशोर से संपर्क करता तो वह टाल मटोल करने लगता. इसके बाद बब्बू सिंह को यह एहसास हुआ कि वह ठगा गया है. बब्बू ने थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक टीम का गठन किया और वह लगातार आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश करती रही. टीम आरोपी को पकड़ने गुरुग्राम हरियाणा और दिल्ली गई, लेकिन अवध किशोर बहुत ही शातिर अपराधी निकला, जो बार-बार अपना ठिकाना बदल लेता था. लेकिन पुलिस ने भी उसका पीछा नहीं छोड़ा. पुलिस ने अवध किशोर को पकड़ने के लिए एजेंट बनकर जाल बिछाया, जिससे अवध किशोर उनके फंदे में फंस गया. पुलिस ने द्वारिका दक्षिण पश्चिम से अवध किशोर को धर दबोचा. जानकारी के मुताबिक अवध किशोर को कई राज्यों की पुलिस ठगी के मामले में तलाश रही है । 

 
 
बिलासपुर । जिले की यातायात पुलिस ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है. साथ ही आम जनता की समस्याओं को देखते हुए पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने यातायात पुलिस का व्हाट्सअप नंबर 9479193015 भी जारी किया है. जिसमें जनता ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करने वाले व्यक्तियों की फोटो खींचकर डिटेल के साथ वाट्सअप पर भेज सकते है. जिनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । 
पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा ने पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात बिलासपुर) रोहित कुमार बघेल एवं उप पुलिस अधीक्षक विश्वदीपक त्रिपाठी (यातायात ) एवं समस्त यातायात के निरीक्षक की बैठक में सुगम यातायात व्यवस्था के लिए विभिन्न बिंदुओं पर निर्देश दिए थे. बैठक के तारतम्य में बिलासपुर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने यातायात पुलिस बिलासपुर मार्गदर्शन देते हुए समस्त चौकों में होने वाले यातायात नियम के उल्लंघन के लिए सर्वप्रथम जवानों को हिदायत दी गई की, ऐसे वाहन चालक जो यातायात नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, उनकी वाहन नंबर सहित फोटो खींचकर संबंधित शाखा को भेजा जाकर नोटिस के माध्यम से वाहन चालक पर मोटर व्हीकल एक्ट की कार्रवाई की जाए । 
साथ ही यातायात पुलिस विभाग के मोटरसाइकिल पेट्रोलिंग, अन्य पेट्रोलिंग शहर के मुख्य मार्गो, व्यापारी क्षेत्रों में निरंतर करते रहने की निर्देश दिए. पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन पर शहर के विभिन्न हिस्सों में मुख्य सड़क मार्ग पर बेतरतीब वाहनों की पार्किंग को व्यवस्थित करने एवं फोर व्हीलर लिफ्टर क्रेन एवं टू व्हीलर लीटर क्रेन के माध्यम से नो पार्किंग में खड़े वाहनों पर अधिक से अधिक कार्यवाही करने निर्देश दिए । 
वहीं आम जनता की समस्याओं को देखते हुए पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने यातायात पुलिस का एक व्हाट्सअप नंबर जारी किया गया है, जो कि 94791,93015 है. इस नंबर पर शहरवासी यातायात से जुड़ कर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों, ऐसे सार्वजनिक स्थानों पर जहां बेतरतीब वाहनों को पार्किंग किया गया हो, किसी वाहन से आम रास्ते में यातायात प्रभावित हो रहा हो, किसी क्षेत्र में सुगम यातायात में व्यवधान हो रहा हो, गलत दिशा में वाहन का आना जाना, यातायात से होने वाली दुर्घटना, कोई तकनीकी यातायात सुधार सम्बंधी जानकारी अन्य जानकारी आम जनता फ़ोटो खिंचकरा वाट्सअप नंबर पर सेंड कर सकती हैं व फ़ोटो के साथ विषय की जानकारी लिख कर फ़ोटो भेज सकती है. इस तरह शहर यातायात सुगम व्यवस्था के मद्देनजर कार्यवाही करते उन स्थानों में व्यवस्था तत्काल कार्यवाही की जा कर व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी । 
यातायात पुलिस व्हाट्सएप नंबर के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(यातायात) रोहित कुमार बघेल ने बताया कि व्हाट्सअप ग्रुप में फोटो भेजे जाने से यातायात पुलिस को सुगम यातायात बनाने में और अधिक सहायता एवं आम जनता को सुविधा प्राप्त होगी. इसी संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया निरंतर सभी चौक में तैनात जवानों द्वारा वर्तमान में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों की फोटो खींची जाकर उनके निवास स्थान पर नोटिस भेजकर मोटर व्हीकल एक्ट की कार्यवाही की जा रही है व्हाट्सअप नंबर के चालू हो जाने से इस प्रक्रिया में और तेजी आकर सुगम यातायात व्यवस्था बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी । 
 

 
 बिलासपुर। एक हजार करोड़ के एनजीओ घोटाला मामले में IAS अधिकारी बीएल अग्रवाल और सतीश पाण्डेय को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने दोनों नौकरशाहों की रिव्यू पेटीशन खारिज कर दिया है । 
आपको बता दे कि समाज कल्याण विभाग में कागज पर फर्जी संस्था बनाकर 1 हजार करोड़ का घोटाला करने का मामला उजागर है. इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने संस्था जुड़े रहे अधिकारियों के ख़िलाफ़ सीबीआई को 7 दिनों में एफआईआर करने के निर्देश दिए थे । 
आरोपियों में कई वर्तमान और कई पूर्व आईएएस अधिकारी शामिल हैं. इसमें बीएल अग्रवाल का नाम भी है. घोटाले के मामले में फंसे कई अन्य आरोपी अधिकारियों ने भी कोर्ट में रिव्यू पीटिशन लगाया है. बीएल अग्रवाल द्वारा दायर किये गए रिव्यू पेटीशन की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू के बेंच ने की. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 3 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था । 
 

 
 
 
बिलासपुर । बिलासपुर हाईकोर्ट ने आज भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में केन्द्रीय मंत्री, दर्जन भर आईएएस समेत कुल करीब ढाई दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश दिए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि देश में आईएएस के खिलाफ भ्रष्टाचार के बड़े पांच मामलों में यह भी शामिल हो गया है। समझा जा सकता है कि इस मामले में कितने बड़े लोग शामिल हैं।
याचिका के अनुसार, इस पूरे भ्रष्टाचार की नींव 2004 में रखी गई थी। राजधानी से लगे माना 4000 दिव्यांगों के उपचार के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च किए गए, लेकिन सारा हिसाब किताब केवल कागजों में मिला। इस मामले में तात्कालीन पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग मंत्री रेणुका सिंह के अलावा कई अफसरों के नाम सामने आए हैं। खास बात यह है कि चीफ सिकरेट्री स्तर पर काम कर चुके कुछ सीनियर अफसरों के नाम भी हाईकोर्ट के आदेश पत्र में उल्लेखित हैं।
इस मामले के याचिकाकर्ता रायपुर निवासी कुंदन ठाकुर हैं। बताया जाता है दिव्यांगों के उपचार के नाम पर सरकारी तंत्र ने जब करोड़ों रूपए की घोटालेबाजी की, तो उसमें कुंदन ठाकुर का भी नाम था। कुंदन ठाकुर को रिकॉर्ड में कर्मचारी बताकर वेतन के रूप में कुंदन के नाम पर रूपए आहरित किए जा रहे थे। जब इसकी भनक कुंदन को लगी, तो उन्होंने अपने स्तर पर जानकारी जुटाकर हाईकोर्ट में एक अर्जी दाखिल की। हाईकोर्ट के एकलपीठ न्यायमूर्ति मनीन्द्र श्रीवास्तव ने इस प्रकरण की प्रारंभिक सुनवाई के बाद माना कि यह साधारण मामला न होकर जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करने योग्य है। इसलिए आगे की सुनवाई युगलपीठ ने की। याचिकाकर्ता के वकील देवर्षि ठाकुर ने बताया कि हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस पार्थ प्रतिम साहू के युगलपीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है।
आपको बता दें, हाईकोर्ट में यह मामला सन 2017 से चल रहा है। इस बीच अदालत ने कई बार शासन से इस संबंध में जवाब भी मांगा। न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार, एक शपथपूर्वक जवाब में शासन ने यह स्वीकार भी किया है कि ऐसी गड़बड़ी दोबारा ना हो, इसके लिए समुचित व्यवस्था और सावधानी सुनिश्चित की जाएगी।
जैसे ही इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला आया, इसकी खबर बार-बेंच से निकलकर विपक्ष, प्रशासन और सत्ता के गलियारों तक जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। आला पदों पर रहे मंत्री, अफसरों पर एकमुश्त सप्ताह भर के भीतर एफआईआर दर्ज करने के हाईकोर्ट के निर्देश ने हर जगह हड़कंप मचा दिया। दरअसल, इसमें प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत दिव्यांगों के नाम पर बजट लेने वाले कई एनजीओ और उनके कर्ताधर्ताओं के नाम भी सामने आने की संभावना है। इसीलिए हाईकोर्ट के इस निर्देश के कारण छत्तीसगढ़ के कई एनजीओ और कई स्वयंसेवी संस्थाओं में भी खलबली मची हुई है। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर का अनुमान है कि पूरे देश में आईएएस के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के पांच बड़े मामलों में से एक छत्तीसगढ़ का एक मामला यह भी है। 
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