रायपुर। भाजपा शासनकाल में हुए छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित करोड़ों के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 16 लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने इसी महीने राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अलावा आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो से नान मामले के रिकार्ड मांगे थे। इसकी जांच की जा रही थी।
जांच के बाद मनी लांड्रिंग एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। नान घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार ने हाल ही में एसआईटी का गठन किया है। इसी बीच ईडी में मामला दर्ज होने से फिर सियासी हलचल शुरू हो गई है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम में 36 हजार करोड़ के घोटाले का मामला फूटा था। इस मामले में 27 लोगों को आरोपित बताया गया था। 15 जून 2015 को कोर्ट में 16 लोगों के विरूद्ध चालान पेश किया गया।
जिन 16 लोगों के विरूद्ध न्यायालय में अभियोग पत्र दिया गया था, माना जा रहा है कि ईडी ने भी उन्हीं 16 लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम रायपुर के प्रबंधक एसएस भट्ट, कंपनी सेक्रेटरी संदीप अग्रवाल, कनिष्ठ तकनीकी सहायक जगदलपुर के सतीश कैवर्त्य, रायगढ़ के क्षीरसागर पटेल, बिलासपुर के जिला प्रबंधन नान कौशल किशोर, शाखा प्रबंधक स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन बालोद दिलीप कुमार शर्मा, प्रभारी जिला प्रबंधक नान सूरजपुर रविंद्र नाथ सिंह, जिला प्रबंधक नान कांकेर अशोक सोनी, कनिष्ठ तकनीकी सहायक रायपुर सुधीर कुमार भोले, जिला प्रबंधक धमतरी टीकमदास हरचंदानी, जिला प्रबंधक कवर्धा धनेश्वर राम, जिला प्रबंधक बलौदाबाजार जगदीश प्रसाद द्विवेदी, जिला प्रबंधक गरियाबंद मोतीलाल साहू के अलावा देंवेद्र कुशवाहा, आरपी पाठक, मुनीष शाह के खिलाफ पहले से ही कोर्ट में मामला चल रहा है। अब इनकी जांच ईडी भी करेगा।
अब तक ईडी को किसने रोका था : भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नान घोटाले में ईडी की कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि नान घोटाले पर ईडी की कार्रवाई ने हमारे आरोपों की पुष्टि की है कि इसमें भारी भरकम धन की हेराफेरी हुई है। लेकिन, सवाल यह है कि अब तक ईडी को किसने रोका था? उम्मीद है कि ईडी निष्ठा को बचाकर रखेगा और एसआइटी जांच को प्रभावित नहीं करेगा।