Sunday, 22 December 2024

रायपुर। महात्मा गांधी के सुविचारों की देन है कि हम आजाद हैं। उनके निश्चय का परिणाम है कि देश विकास की गाथा रच रहा है। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर शासकीय नागार्जुन विज्ञान महाविद्यालय में गांधी की पुस्तक की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यहां युवा, प्राध्यापक और छात्र उनकी कही बातों से रू-ब-रू हुए।
प्रदर्शनी में आजादी के पूर्व छपी पुस्तकों को प्रदर्शित की गई है। सबसे खास पुस्तक थी 'आज के विचार'। आजादी के पूर्व लिखी इस पुस्तक का चौथा संस्करण महाविद्यालय परिसर में देखने को मिला। पुस्तक में एक जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक के सुविचार हैं। साल की शुरुआत को ध्यान में रखकर विचार दिया गया कि हम सबको शांति देने वाला होना चाहिए।
साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर के लिए लिखा है- रोज बोलता हूं.. वह भी प्रार्थना ही है, उसी का हिस्सा है, मेरा यह सब भी भगवान के लिए है। मौके पर छात्र-छात्राओं की रंगोली, मेहंदी और फल सजाओं प्रतियोगिता हुई। कार्यक्रम के आयोजक डॉ. प्रवीण शर्मा ने बताया कि राजधानी में गांधी की पुस्तकों का सबसे बड़ा संग्रह महाविद्यालय में है। सबसे ज्यादा किताबें नागपुर विश्वविद्यालय से लाई गई हैं। अब इनके संरक्षण के लिए स्कैन करने का कार्य जल्द प्रारंभ किया जाएगा।
मौसम के मिजाज के अनुसार भी विचार
मत्मा गांधी ने सुविचार तो किताब में लिख दिए, लेकिन खास बात ये है कि उन्हें मौसम के मिजाज के अनुसार लिखा। ताकि पाठक सुविचारों का आनंद उठा सके। विचारों में तीज-त्योहारों के महत्व, स्थानीय त्योहारों को भी पिरोया गया है।
'अगर मैं डिक्टेटर होता' छात्रों को आई पसंद
प्रदर्शनी में गांधी की लिखी किताब 'अगर मैं डिक्टेटर होता' युवाओं को खूब पसंद आई। महात्मा गांधी ने किताब में लिखा है कि मैं अहिंसा को नहीं अपनाता तो सच में डिक्टेटर होता। देश के उत्थान के लिए मेरे कदम उठते ही नहीं, केवल अर्थ के पीछे मैं भागता दिखाई देता।

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के लिए इस हफ्ते अगर कोई नाम तय नहीं हो पाया तो लोकसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही संगठन की कमान भी संभाले रहेंगे। पार्टी के अंदरखाने इस बात की चर्चा तेज हो गई है। इसकी वजह यह भी है कि अभी तक पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर स्थानीय नेताओं को कोई संकेत भी नहीं दिया है।
सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के दिल्ली लौटने के बाद प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नए नाम की घोषणा होने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राहुल ने मुख्यमंत्री बघेल को फोन करके किसान आभार रैली के सफल आयोजन पर बधाई दी।
उन्होंने और पुनिया ने मुख्यमंत्री या किसी भी वरिष्ठ नेता से प्रदेश अध्यक्ष पर नई नियुक्ति को लेकर चर्चा ही नहीं की। लोकसभा चुनाव को अब समय कम है, इसलिए पार्टी के उच्च सूत्रों का कहना है कि तीन-चार दिन में हाईकमान कोई फैसला ले सकता है।
हाईकमान इस उलझन में है कि प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया गया तो नया अध्यक्ष चुनाव के समय जिम्मेदारी का निर्वहन सही तरीके से कर पाएगा या नहीं? कांग्रेस ने बघेल के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा तो उम्मीद से ज्यादा सीटों पर जीत मिली है।
इस कारण हाईकमान को सोचना पड़ रहा है। दूसरी तरफ, यह भी विचार हो रहा है कि बघेल मुख्यमंत्री के साथ पीसीसी अध्यक्ष की भूमिका निभा पाएंगे या नहीं? इधर, राहुल ने बघेल की जिम्मेदारी बढ़ाने का फैसला लिया है।
वे बघेल को अपने साथ बिहार, ओडिशा समेत दूसरे राज्यों में ले जाना चाहते हैं, ताकि वहां कांग्रेसजनों को बघेल बंपर जीत का फॉर्मूला, घोषणापत्र बनाने और सरकार बनने पर वादों को जल्द पूरा करने की नीति बता सकें। बघेल के लिए दिक्कत यह भी है कि अगले महीने से विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है, वित्त मंत्री भी खुद हैं, इसलिए सत्र के दौरान उन्हें विधानसभा में ही रहना होगा। इन सब चीजों को देखते हुए बघेल खुद राहुल से कई बार पीसीसी अध्यक्ष पर नई नियुक्ति की अपील कर चुके हैं।
मध्यप्रदेश में भी पीसीसी अध्यक्ष ही सीएम जिस तरह से बघेल पीसीसी अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री बना दिए गए हैं, उसी तरह से मध्यप्रदेश में कमलनाथ पीसीसी अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री का पद भी संभाल रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दोनों राज्यों में स्थिति अलग है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 90 में से 68 सीटें जीती हैं, जबकि मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के कब्जे में 114 और भाजपा के कब्जे में 109 है। केवल पांच सीटों का अंतर है। इसलिए, पार्टी के उच्च सूत्रों का कहना है कि पहले मध्यप्रदेश के पीसीसी अध्यक्ष पर फैसला हो सकता है

रायपुर । खेती के साथ-साथ लघु उद्यम के समावेश को बढ़ावा देने का सार्थक पहल करते हुए सरकार ने देश का पहला नैसर्गिक कोसा अभयारण्य नया रायपुर अटल नगर में स्थापित करने का निर्णय लिया है। दो सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में यह अभयारण्य विकसित होगा, जिससे प्रतिवर्ष तीस लाख नगर नैसर्गिक कोसा के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इससे रोजगार के क्षेत्र में काफी बेहतर अवसर मिलेंगे, वहीं बुनकरों की मांग और आपूर्ति की समस्या का समाधान होगा। देश का प्रथम नैसर्गिक कोसा अभयारण्य कुहेरा-राखी में स्थापित किया जा रहा है जहां अर्जुन के पौधों की बहुलता है। अर्जुन का पौधा ही कोसा कृमि के आहार होंगे।
अर्जुन वृक्षों की पत्तियों को ग्रहण कर दो माह के अंदर कोसा कृमि कोसा बना लेगा। छत्तीसगढ़ कोसा वस्त्र निर्माण एवं उसके निर्यात में देश का अग्रणी प्रदेश है। यहां प्रतिवर्ष बुनकरों को 60 करोड़ नग कोसा, फलों की आवश्यकता होती है।
प्रतिवर्ष बुनकरों के मांग एवं आवश्यकता की आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए ग्रामोद्योग संचालनालय (रेशम प्रभाग) रायपुर द्वारा देश के प्रथम नैसर्गिक कोसा अभयारण्य के लिए विकास एवं उत्पादन का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
इन वनखंडों में डाबा कोसा कृमियों को छोडने के लिए प्रति वर्ष आधा दर्जन कैंप लगाए जाएंगे। कैम्पों से प्रति वर्ष लगभग एक करोड़ कोसा कृमि इस अभयारण्य में छोड़ा जाएगा, जो अर्जुन वृक्ष की पत्तियों को आहार के रूप में ग्रहण कर दो माह के अंदर लगभग 40 लाख कोसा का उत्पादन होगा, जिसमें से 80 प्रतिशत कोसा यानि 32 लाख कोसा फल तोड़कर ग्रामों के हितग्राहियों दिया जाएगा।
प्रस्तावित अभयारण्य के भूखण्ड का स्वामित्व अटल नगर विकास प्राधिकरण रायपुर का होगा एवं ग्रामोद्योग संचालनालय (रेशम प्रभाग) रायपुर द्वारा कोसा उत्पादन का कार्य किया जाएगा।

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में कलेक्टर, एसपी की जमकर क्लास ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि नामांतरण-बंटवारा और एफआईआर न होने जैसी शिकायतें मेरे पास आ रही हैं तो इसका क्या मतलब है। अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा नहीं रहे हैं। तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर, एसपी सब अपना काम ठीक से करें तो मेरे पास तक बात क्यों पहुंचे मैदानी अफसरों से पहली बार रूबरू हुए मुख्यमंत्री ने सख्त तेवर दिखाया।
उन्होंने साफ कर दिया कि नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी का काम प्राथमिकता से करना है। जिला खनिज न्यास से ठेकेदारों को फायदा दिलाने के लिए भवनों का निर्माण किया जा रहा है। यह अब नहीं चलेगा। इस राशि का उपयोग खनन प्रभावितों के शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस चाह ले तो अवैध शराब, जुआ, सट्टा चल ही नहीं सकता। इससे सख्ती से निपटें। पटवारी का काम है नामांतरण करना, अफसर सही निगरानी रखेंगे तो वह काम क्यों नहीं करेगा? मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे अपने अफसरों पर पूरा भरोसा है। काम आपको ही करना है। सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार काम करें।

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