रायपुर। अभी करदाता इसी चिंता में लगे हुए रहते हैं कि किस प्रकार से वे अपना अधिक से अधिक पैसा बचा सकते हैं और वे आयकर के दायरे से भी बचे रह सकें। ऐसी स्थिति में उनके लिए आयकर के कुछ नियमों को जानना जरूरी है। जैसे सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि रिश्तेदारों से मिले उपहारों पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता।
रिश्तेदारों के लिए उपहारों का आदान-प्रदान आम बात है। जैसे नकदी में छोटे उपहारों से लेकर अचल संपत्ति और बहुत से अवसरों पर उपहार देने का रिवाज है, लेकिन इसके भी कुछ नियम-कायदे होते हैं। रिश्तेदार भी केवल ब्लड रिलेशन वाले होने चाहिए, तभी आप टैक्स के दायरे से बचे रहेंगे।
उदाहरण के लिए आप ऐसे समझ सकते हैं कि आपकी पत्नी को उसके पिता से 50000 रुपये और बहन के ससुराल से 50000 रुपये उपहार मिला। ऐसे में आयकर अधिकारी द्वारा इसकी जांच की जाती है और रसीद भी मांगी जाती है।
आयकर अधिकारी अपनी जांच के दौरान यह भी पता लगाएगा कि दोनों दानदाताओं से आपके संबंध हैं या नहीं। आपने इन दानदाताओं के उपहार बैंकिंग के माध्यम से लिया था या नहीं। ऐसी स्थिति में यह तय हो जाता है कि आपको रिश्तेदार से ही उपहार मिला है।
लेकिन एक बात ध्यान देने योग्य यह है कि आयकर नियमों के अनुसार गैर-रिश्तेदारों से प्राप्त उपहारों पर 50000 रुपये मिलता है और उपहार राशि से अधिक हो जाता है तो यह कर योग्य होगा। आपके लिए इन चीजों की जानकारी होनी आवश्यक है।