Friday, 14 March 2025

रायपुर । छत्तीसगढ़ में पहले चरण में बस्तर संसदीय सीट पर मतदान होना है। यह इलाका आदिवासी बहुल है। बस्तर संभाग के सात में से छह जिले पहले चरण की बस्तर सीट में शामिल हैं। ये सारे जिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना महत्वाकांक्षी जिलों में शामिल हैं। महत्वाकांक्षी या एस्पिरेशनल जिले वे हैं जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गए थे। इन जिलों में मानव विकास सूचकांक का स्तर भी नीचे थे।
मोदी ने अपने कार्यकाल के चौथे साल में महत्वाकांक्षी जिलों की योजना लागू की। 17 वीं लोकसभा के चुनाव से पहले इन जिलों को विकास के लिए सिर्फ एक साल का समय मिला। फिर भी बस्तर के कुछ जिलों ने विकास की दौड़ में बेहतर प्रदर्शन किया है। महत्वाकांक्षी जिलों का विकास चुनाव में क्या असर डालेगा यह देखा जाना बाकी है।
बस्तर के जंगलों में बसे गांवों तक इन एक सालों में बैंकों की शाखाएं पहुंची हैं। अंदरूनी इलाकों में बंद पड़े स्कूलों को खोलने की कवायद शुरू की गई। प्राथमिक और उप स्वास्थ्य केंद्रों में दवा और डाक्टर का इंतजाम किया गया। दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर, नारायणपुर जिलों में भी काफी काम हुआ।
पीएमजीएसवाय योजना से सैकड़ों सड़कें मंजूर की गई। जिला मुख्यालयों में बाजार का विकास किया गया। बीजापुर जिले में जिला अस्पताल को आधुनिक बनाया गया। इस साल मार्च में जारी रैंकिंग में कोंडागांव जिले ने स्वास्थ्य और पोषण में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।
सभी इंडिकेटर के लिहाज से देश के 115 महत्वाकांक्षी जिलों में कोंडागांव दूसरे स्थान पर रहा। इस उपलब्धि के लिए कोंडागांव जिले को पांच करोड़ का पुरस्कार भी मिला। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस उपलब्धि के लिए कोंडागांव जिले को बधाई दी।
जहां मोदी गए थे वहां अब भी चल रहे बैंक और आंगनबाड़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल 14 अप्रैल को बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित जांगला गांव गए थे। यहां से उन्होंने आयुष्मान योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान वे जांगला के उस केंद्र भी गए थे जहां एक ही परिसर में पंचायत भवन, स्कूल, आंगनबाड़ी, बैंक, पोस्ट ऑफिस, काल सेंटर आदि है।
मोदी ने इस केंद्र का अवलोकन किया था। जांगला में यह केंद्र अब भी चल रहा है। बीजापुर में मोदी के आगमन के बाद इस जिले ने सूचकांक में 45 अंक की छलांग लगाई थी।
कौन हैं महत्वाकांक्षी जिले-
देशभर में 115 जिलों को पिछड़ा माना गया है। इन्हें महत्वाकांक्षी जिले नाम दिया गया है। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में शामिल बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर, कोंडांगांव, नारायणपुर और कांकेर के साथ ही राजनांदगांव, कोरबा और महासमुंद जिलों को इस सूची में शामिल किया गया है।
यहां बात होगी विकास की
लोकसभा चुनाव में दूसरी जगहों पर चाहे कुछ भी मुद्दा हो इन जिलों में विकास का मुद्दा सबसे ऊपर रहने वाला है। इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, शिक्षा, कौशल विकास, अधोसंरचना निर्माण, जल संसाधन, वित्तीय प्रबंधन, विद्युतीकरण आदि के सूचकांकों के आधार पर विकास का पैमाना तय किया गया है।
नीति आयोग ने इन जिलों के लिए केंद्र सरकार की ओर से ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी तैनात किए हैं। इन जिलों में केंद्र और राज्य की अटकी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करने का काम किया जा रहा है। ऐसे में यहां विकास की ही बात होनी है। यहां से चली विकास की बहस प्रदेश की दूसरी सीटों तक भी पहुंचेगी जरूर।

रायपुर । लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में स्वास्थ्य सुरक्षा कानून लाने का वादा राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम से किया। आचार संहिता लगने के बाद शुक्रवार को पहली बार रायपुर आए राहुल ने साफ कहा कि इस बार पार्टी का घोषणापत्र स्वास्थ्य सेवा पर फोकस रहेगा। उन्होंने यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को आयुष्मान भारत योजना की काट बताते हुए स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए तीन बड़े वादे किए।
पहला तो यही कि हर नागरिक को सुलभ और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा दिलाने के लिए कानून लाया जाएगा। दूसरा, कुल जीडीपी की तीन फीसद राशि स्वास्थ्य सेवा में खर्च करके स्वास्थ्य का बजट बढ़ाया जाएगा। तीसरा, सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों की कमी दूर की जाएगी।
वीआइपी रोड स्थित होटल में एक संस्था के बैनर तले सर्व जन स्वास्थ्य का अधिकार परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें राहुल ने देशभर से आए स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञ डॉक्टरों से यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम पर सुझाव लिए।
राहुल ने छत्तीसगढ़ से लोकसभा चुनाव के पहले जनता से दूसरा बड़ा वादा किया है। इसके पहले उन्होंने न्यूनतम आय का अधिकार कानून लाने की बात कही थी। राहुल ने सुझाव लेने के दौरान अपनी बातों से यह साफ कर दिया कि कांग्रेस सरकारी अस्पतालों के निजीकरण के पक्ष में नहीं है।
दूसरी तरफ, उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के बिना स्वास्थ्य सेवा बेहतर हो सकती है, वे ऐसा भी नहीं कह रहे। उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार बनने पर पहले सरकारी स्वास्थ्य सेवा को बेहतर किया जाएगा। राहुल ने मोदी सरकार की आयुष्मान योजना पर फिर से हमला बोलते हुए कहा कि यह योजना सिर्फ और सिर्फ बड़ी बीमा कंपनियों के लिए बनाई गई।
उन्होंने बीमा कंपनियों का भी विरोध किया, कहा-बीमा कंपनियां स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभ कमाने वाले बिग प्लेयर हैं। इस कारण कांग्रेस सरकार ऐसा कानून ला रही है, जिसमें बीमा कराने की जस्र्रत नहीं होगी। परिचर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव समेत अन्य मंत्री भी शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ व राजस्थान की स्कीम देश में लागू होगी
राहुल ने कहा है कि राजस्थान की हेल्थ केयर स्कीम को केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर देश भर में लागू किया जाएगा। राहुल ने राजस्थान की ड्रग पॉलिसी की सराहना की। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि इस स्कीम को छत्तीसगढ़ में लागू करने पर तेजी से काम चल रहा है। प्रदेश में जल्द लागू करने की कोशिश है।
बोले-मुझसे सवाल न पूछें, अपना सुझाव दें
परिचर्चा के दौरान हेल्थ एक्सपर्ट्स राहुल से सवाल और उनका विजन पूछने लगे। इस पर राहुल ने कहा कि उनसे सवाल न पूछें, अपना सुझाव दें। उनके पास विजन है और सब सवालों का जवाब भी है, लेकिन वो हेल्थ एक्सपर्ट्स से पूछने आए हैं, क्योंकि उनसे बेहतर सुझाव मिलेंगे। जैसे उनसे राजनीति पर सवाल पूछें, तो वे ज्यादा अच्छा बता सकते हैं। राहुल यह भी बोले, भाजपा और कांग्रेस में फर्क है। कांग्रेस जनता की आवाज और उनसे सुझाव लेकर काम करना चाहती है।

रायपुर । प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही रमन सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों में खामियों खोजी जा रही है। अब प्रदेश के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री टीएस देव ने कहा कि आयुष्‍मान भारत को नकार दिया है। उन्‍होंने कहा कि आयुष्मान भारत बीमा आधारित मॉडल है जिसमें करदाताओं का पैसा बीमा कंपनियों को दिया जाता है।
बीमा कंपनियों के बजाय जहां कुछ अनियमितताओं की रिपोर्ट मिलती है, हमें अपने बुनियादी ढांचे के आधार पर लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करनी चाहिए। टीएस देव ने कहा कि हम इससे बेहतर सर्विस देंगे। छत्‍तीसगढ़ में अभी ज्‍यादा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
हम अभी 170 सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र चला रहे हैं। हम इसे जरूरत के हिसाब से बढ़ा सकते हैं। सभी राज्‍य हेल्‍थ वकर्स से कवर हो रहे हैं। हमारे मुख्‍यमंत्री ने जरूरत के मुताबिक मदद की बात कही है। बता दें कि आयुष्‍मान भारत योजना मोदी सरकार की महत्‍वाकांक्षी योजना है। मोदी सरकार ने इसे बेहद बृहत पैमाने पर देश में इसे लांच किया था।
आयुष्मान भारत योजना देश के गरीब तबके के लोगों के लिए लाया गया था। यह एक हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है। इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है। पीएम ने इसे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर से देशभर में लागू किया था।
सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के मुताबिक, एक अनुमान लगाया गया है कि ग्रामीण इलाके के 8.03 करोड़ और शहरी इलाके के 2.33 करोड़ गरीब परिवारों को इससे लाभ होगा। लगभग 50 करोड़ लोग इस योजना के दायरे में आएंगे। इसके लिए नेशनल हेल्थ एजेंसी ने नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस के तहत आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना की वेबसाइट और हेल्पलाइन को लांच किया गया है।इसमें मदद के हेल्पलाइन पर बात करने के अलावा अस्पतालों में आयुष्मान मित्र से भी मदद ले सकते हैं।

रायपुर । छत्तीसगढ़ में राजधानी समेत प्रदेश के उत्तरी इलाकों में हवा का रुख बदल गया है। इसके चलते मौसम का मिजाज भी बदलता नजर आ रहा है। आलम यह है कि मार्च के तीसरे सप्ताह में हमेशा गर्मी बढ़ने लगती थी, जो इस सप्ताह ठंडक के साथ बीतने वाला है। दरअसल, मौसम विज्ञान विभाग ने प्रदेश के उत्तरी भाग में एक या दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज हवा चलने की चेतावनी दी है।
कहा गया है कि हवा की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार उत्तरी छत्तीसगढ़ में बारिश हो सकती है। यहां तेज हवा चलने की अति संभावना है। मौसम विज्ञान ने यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम का मिजाज बदलने से रायपुर के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई है।
बुधवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री रिकार्ड हुआ था वह चौबीस घंटे के भीतर एक डिग्री कम 35 डिग्री दर्ज हुआ है। न्यूनतम तापमान में कोई बदलाव नहीं है। यह 23.8 डिग्री रहा, जो कि सामान्य से तीन डिग्री अधिक है।
राज्य के ये क्षेत्र होंगे अत्यधिक प्रभावित
मौसम विभाग के त्वरित पूर्वानुमान बुलेटिन के मुताबिक प्रदेश के मुंगेली, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में कहीं- कहीं गरज-चमक के साथ 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। यहां हुई हल्की बारिश: गुस्र्वार को प्रदेश के बिलासपुर और सरगुजा संभागों में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश भी रिकार्ड हुई। पेंड्रारोड में 0.4 और अंबिकापुर में 0.2 मिमी बारिश हुई।
न्यूनतम तापमान में प्रदेश के सभी संभागों में मामूली परिवर्तन हुआ। रायपुर और सरगुजा संभागों में सामान्य से उल्लेखनीय अधिक और शेष संभागों में सामान्य से अधिक बारिश रिकार्ड हुई। अधिकतम तापमान में प्रदेश के बिलासपुर और सरगुजा संभागों में उल्लेखनीय गिरावट और बस्तर संभाग में सामान्य से अधिक और शेष संभागों में सामान्य तापमान रहा। ओड़गी और मनेंद्रगढ़ में एक सेमी बारिश रिकार्ड हुई है।
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक ओडिशा मध्य में 0.9 किमी ऊंचाई पर एक घेरा बना हुआ है। दूसरा कारण यह है कि राजस्थान, गुजरात और पश्चिम मध्यप्रदेश के पास ऊपरी हवा का चक्रवात है जिसकी ऊंचाई 0.9 किमी है, वहां पर द्रोणिका निर्मित हो गई है जो उत्तरी कर्नाटक तक गई है। इन दोनों के प्रभाव से उत्तरी छत्तीसगढ़ में बारिश होगी। कहीं-कहीं तेज हवा चल सकती है। हालांकि रायपुर संभाग में ज्यादा असर नहीं होगा। सिर्फ बदली छाई रहेगी।
17 और 18 को एक बार फिर बारिश
द्रोणिका के इस सिस्टम के खत्म होते ही मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि एक और सिस्टम 17 और 18 मार्च को बनेगा। लिहाजा एक बार फिर बारिश होगी। सिस्टम बनने से अंबिकापुर इलाके में ज्यादा बारिश होगी।
आज ऐसा रहेगा मौसम
प्रदेश के उत्तरी इलाकों में गरजचमक के साथ बारिश और हवा के साथ अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश:35 डिग्री और 23 डिग्री के आसपास रहेगा।

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