रायपुर। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने कहा कि समाज में हर क्षेत्र में महिलाएं आगे आ रही हैं और प्रगति कर रही हैं। प्रगतिशील समाज के निर्माण में बालिकाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ-साथ उन्हें सशक्त बनाने के लिए सामाजिक जागरूकता और सहयोग जरूरी है। उन्होंने बालिकाओं के प्रति भेद-भाव को दूर करने के लिए सामाजिक जागरूकता पर बल देते हुए लोगों से सहयोग करने की अपील की। श्रीमती भेंड़िया ने 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के मरीन ड्राइव में महिला एवं बाल विकास विभाग एवं यूनिसेफ के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थी। श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि बालिकाएं अपना अधिकार समझें और अपना हौसला बनाए रखें। राज्य सरकार बेटियों साथ है, उनकी हर संभव मदद को तैयार है, इसलिए निडर होकर किसी भी परेशानी में आगे आएं। उन्होंने बालिकाओं की सुरक्षा और समानता के लिए कार्य कर रही समाजिक संस्थाओं का अच्छे काम के लिए हौसला बढ़ाया और शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा मठपुरैना में संचालित दृष्टिबाधित स्कूल की ‘मोर-रायपुर‘ थीम गीत गाने वाली छात्राओं, साइबर विशेष मोनाली गुहा स्लोगन प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों सहित कई स्कूलों के बच्चों को पुरस्कृत किया।
महिला एवं बाल विकास की आयुक्त सह सचिव डॉ. एम. गीता ने बताया कि राज्य सरकार स्कूल जाने से किन्ही कारणों से छूट गई बालिकाओं के स्वास्थ्य की भी चिंता कर रही है। इसलिए इस वर्ष से वजन त्यौहार में किशोरी बालिकाओं के वजन और स्वास्थ्य परीक्षण को भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही अब नन्हें बच्चों के साथ-साथ राज्य सरकार समाजिक जागरूकता के लिए यूनिसेफ के सहयोग से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ‘सुरक्षित पारा सुरक्षित लइका मन‘ कार्यक्रम चलाएगी।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनमें हीमोग्लोबिन के स्तर, सिकिल सेल एनीमिया और बीएमआई इनडेक्स का परीक्षण किया गया। सामाजिक जागरूकता के लिए रंगसागर कला जत्था, रायपुर के कलाकारों ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ और आरंग की ‘उपकार पंथी लोक नृत्य कल्याण सेवा समिति‘ ने ‘झन मारो बेटी ला‘ पर अपनी प्रस्तुति दी। यहां बालिकाओं को न्यूट्रिशन इंटरनेशनल संस्था द्वारा एनीमिया और एविडेन्स एक्शन संस्था द्वारा कृमि नाशकों पर जानकारी दी गई। इस के साथ यहां दुर्गा कॉलेज की एनएसएस की छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या के परिणामों के बारे में बताया। इस अवसर पर विभिन्न स्कलों के विद्यार्थी, सामाजिक कार्यकर्ता, बालिका गृहों की बालिकाएं, विभागीय अधिकारी और सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे